अयोध्या में बन रहे राम मंदिर को लेकर तैयारियां जारी हैं। गर्भगृह में स्थापित करने के लिए रामलला की मूर्ति 15 दिसंबर तक बनकर तैयार हो जाएगी। प्राण प्रतिष्ठा के के लिए कई नामचीन हस्तियों को भी बुलावा भेजा गया है। अब सोशल मीडिया पर मंदिर के दर्शन को लेकर लगातार सवाल पूछे जा रहे हैं। इस सवाल का जवाब हम आपको देने वाले हैं। इसके साथ ही यह भी बताने का प्रयास करेंगे कि दर्शन का प्लान बना रहे लोगों के लिए किस तरह की व्यवस्थाएं की गई हैं। इस संबंध में श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने जानकारी साझा की है।
श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट के महासचिव चंपत ने जानकारी देते हुए कहा,”अगर 10,000-15,000 लोग रात में रुकना चाहते हैं, तो उन्हें आश्रय कहां मिलेगा? उन्हें भोजन और पानी कहां मिलेगा? इस उद्देश्य के लिए ट्रस्ट एक नया टिन-शेड शहर बसा रहा है जो कम से कम फरवरी के अंत तक तैयार हो जाएगा। इस काम के लिए देश भर से वीएचपी और आरएसएस के अनुभवी कार्यकर्ताओं को बुलाया जा रहा है। हर कोई अपना कर्तव्य निभा रहा है।”
#WATCH | Ayodhya, Uttar Pradesh | General Secretary of Sri Ram Janambhoomi Trust Champat Rai says, “…If 10,000-15,000 people want to stay the night, where will they find a shelter? Where will they get food and water?…For this purpose, the Trust is setting up a new tin-shed… pic.twitter.com/yyeFNmlZwm
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने मुख्यमंत्रियों, राज्यपालों और राजदूतों सहित प्रोटोकॉल के अंतर्गत आने वाले गणमान्य व्यक्तियों से अनुरोध किया कि वे 22 जनवरी को राम मंदिर अभिषेक के दिन अयोध्या जाने से बचें, क्योंकि अधिकारी मेगा इवेंट में व्यस्त होंगे और ट्रस्ट उनकी सेवा नहीं कर पाएगा।
ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा है कि प्रोटोकॉल और वीआईपी स्थिति का आनंद लेने वालों को बड़े दिन पर अयोध्या की यात्रा की योजना नहीं बनानी चाहिए ताकि समारोह के दौरान किसी को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। इस कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी के शामिल होने की संभावना है।