मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शानदार जीत के बावजूद राज्यसभा में सत्तारूढ़ दल के सदस्यों की संख्या इतनी नहीं बढ़ पाएगी कि उसे अगले साल तक उच्च सदन में बहुमत मिल सके। राज्यसभा में इन तीन राज्यों की कुल 26 सीटें हैं। इनमें मध्य प्रदेश से सबसे ज्यादा 11, राजस्थान से 10 और छत्तीसगढ़ से पांच सीटें शामिल हैं।
वर्तमान मध्य प्रदेश में राज्यसभा की आठ सीटों पर भाजपा और तीन पर कांग्रेस का कब्जा है। राजस्थान में छह सदस्य कांग्रेस के और चार सदस्य भाजपा के हैं। वहीं, छत्तीसगढ़ में चार सीटों पर कांग्रेस और एक सीट पर भाजपा एक सांसद है। तीनों राज्यों की कुल 26 राज्यसभा सीटों पर भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों के पास बराबर 13-13 सांसद हैं।
भाजपा लंबे समय से राज्यसभा में शतक लगाने का इंजतार कर रही है। हालांकि इसके लिए भाजपा को कम से कम तीन साल का इंतजार करना पड़ेगा। राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के चुनावी नतीजे के बाद बने समीकरण के मुताबिक कुल 26 सीटों में कांग्रेस के पास तीन या चार सीटें बच पाएंगी। कांग्रेस के कब्जे वाली नौ-दस सीटें भाजपा के पास आ जाएंगी। हालांकि, कांग्रेस के कब्जे वाली इन सभी सीटों में 2024 में एक सीट, 2026 में पांच सीटें और साल 2028 में बाकी सीटें खाली होगीं। इन तीनों राज्यों से राज्यसभा की सीटें हासिल कर अपनी ताकत बढ़ाने और शतक लगाने के लिए भाजपा को कम से कम 2026 तक इंतजार करना पड़ेगा।
अगले साल राज्यसभा में 69 सीटें खाली हो जाएंगी। इनमें से 56 सीटें लोकसभा चुनाव से पहले, अप्रैल में ही रिक्त हो जाएंगी। संसद के उच्च सदन में 239 सदस्य हैं। वर्तमान में भाजपा 94 सदस्यों के साथ उच्च सदन में सबसे बड़ी पार्टी है। भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के पास अभी 108 सांसद हैं। उसके बाद 30 सदस्यों के साथ कांग्रेस और 13 सदस्यों के साथ तृणमूल कांग्रेस क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं।
उच्च सदन में भाजपा के 30 सीटें बरकरार रखने की संभावना है, जो अगले साल अप्रैल में खाली हो जाएंगी। कांग्रेस अपनी सीटें बरकरार रखेगी। उसे तेलंगाना से अतिरिक्त दो सीटें मिलेंगी। तेलंगाना में कांग्रेस ने बीआरएस को हराकर विधानसभा चुनाव जीता है। जिन सदस्यों का कार्यकाल अप्रैल में पूरा होगा उनमें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह राजस्थान से, पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव राजस्थान से, शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान मध्य प्रदेश से और राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला गुजरात से शामिल हैं।
भाजपा को राजस्थान और छत्तीसगढ़ से अधिक सीटें मिलेंगी, जिन राज्यों में वह विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को हटाकर सत्ता में आई है। पार्टी को अतिरिक्त सीटें बाद के वर्षों में मिलेंगी। राज्यसभा में आम आदमी पार्टी और द्रमुक के 10-10 सदस्य हैं, जबकि बीजू जनता दल और वाईआरएस कांग्रेस पार्टी के नौ-नौ सदस्य हैं। बीआरएस के उच्च सदन में सात सदस्य हैं, राष्ट्रीय जनता दल के छह और जनता दल (एकी) और भाकपा (एम) के पांच-पांच सदस्य हैं। राज्यसभा में जहां उत्तर प्रदेश से सबसे ज्यादा 31 सीटें हैं, वहीं मध्य प्रदेश से 11 सीटें, राजस्थान से 10 सीटें, तेलंगाना से सात सीटें और छत्तीसगढ़ से पांच सीटें हैं।
संविधान के मुताबिक भारत की संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा की वास्तविक सदस्यता 245 सदस्यों तक सीमित की गई है। इनमें से 233 सदस्यों को राज्यों और तीन केंद्रशासित प्रदेश की विधानसभा के सदस्यों द्वारा चुना जाता है। राष्ट्रपति द्वारा कला, साहित्य, ज्ञान और सेवाओं में योगदान करने वाले 12 सदस्यों को नामित किया जाता है। सदस्य छह साल के कार्यकाल के लिए मनोनीत होते हैं। इनमें से एक तिहाई सदस्य हर दो साल में सेवानिवृत्त हो जाते हैं और उनकी जगह नए सदस्य मनोनीत किए जाते हैं।