संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार को जम्मू कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक 2023 और जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2023 को लोकसभा में पेश किया। इस विधेयक पर चर्चा होगी और उसके बाद इसे पारित कराया जाएगा।
लोकसभा में इस पर चर्चा चल रही थी। इसी दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने टीएमसी के सांसद सुदीप बंदोपाध्याय पर निशाना साधा। सुदीप बंदोपाध्याय ने श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जिक्र कर कहा कि उनका एक देश, एक निशान और एक विधान का नारा राजनीतिक था।
सुदीप बंदोपाध्याय के बयान पर अमित शाह भड़क गए। अमित शाह ने कहा, “ये आपत्तिजनक है। दादा आपकी उम्र हो चुकी है। एक देश में दो प्रधानमंत्री कैसे रह सकते हैं? एक देश में दो संविधान कैसे हो सकते हैं? एक देश के दो झंडे कैसे हो सकते हैं? यह गलत है। जिन्होंने भी यह किया था, गलत किया था। नरेंद्र मोदी सरकार ने इसको सुधारने का काम किया है। आपकी सहमति असहमति से क्या होता है? पूरा देश यही चाहता है। यह कोई चुनावी नारा नहीं है, 1950 से हम कह रहे हैं।”
बता दें कि जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक कानून कश्मीरी पंडितों से जुड़ा है। इस विधेयक के जरिए सरकार ने राज्य के विस्थापितों (कश्मीरी पंडित) के लिए दो और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) के विस्थापितों के लिए एक सीट आरक्षित करने का प्रावधान किया है। विधेयक में कहा गया है कि उपराज्यपाल कश्मीरी प्रवासी समुदाय से अधिकतम दो सदस्यों को विधानसभा में नामांकित कर सकते हैं और इनमे से एक सदस्य महिला होनी चाहिए।
इस विधेयक में कहा गया है कि पीओके के विस्थापित लोगों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक सदस्य को उपराज्यपाल नॉमिनेट कर सकते हैं। यहां पर विस्थापित सदस्य का मतलब उन से है जो पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में रहते थे, लेकिन अब वह अपना स्थान छोड़ चुके हैं और दूसरी जगह रह रहे हैं। ऐसे सदस्य का विस्थापन 1947 में बंटवारे के दौरान या फिर 1965 या 1971 के युद्ध के दौरान हुआ है।