Women Help Policies MP and Chhattisgarh: विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में बड़ी जीत हासिल की है। इसमें पार्टी की ओर से महिलाओं के लिए घोषित दो योजनाओं ‘लाडली बहना’ और ‘महतारी वंदन’ ने बहुत हद तक अहम भूमिका निभाई। जबकि कांग्रेस इस मामले में दोनों राज्यों में शुरू से ही भाजपा से पिछड़ती दिखी और इसके सबक के रूप में चुनावी नतीजे सामने हैं।
मध्य प्रदेश की सरकार ने चुनाव पूर्व एलान किया था कि लाडली बहना योजना में निम्न और मध्यम वर्ग की गरीब महिलाओं को सालाना 12 हजार रुपए (मासिक एक हजार रुपए) दिए जाएंगे। साथ ही कच्चे घरों में रहने वाली गरीब महिलाओं को पक्का मकान देने का वादा भी किया गया। इतना ही नहीं चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस योजना के तहत राज्य की करीब एक करोड़ 31 लाख महिलाओं के खाते में 1250 रुपए की दो किश्तें भी डालीं। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी कई चुनावी सभाओं में लाडली बहना योजना का जोरशोर से उल्लेख किया। इसका नतीजा महिलाओं की ओर से भाजपा की झोली में डाले ‘बंपर वोट’ के रूप से सबके सामने है।
छत्तीसगढ़ में भाजपा ने अपने चुनावी घोषणापत्र में महिलाओं के लिए महतारी वंदन (मां का वंदन) योजना की घोषणा की थी। इसमें महिलाओं से वादा किया गया था कि राज्य में भाजपा की सरकार बनते ही महिलाओं को साल में 12 हजार रुपए दिए जाएंगे यानी महीने के एक हजार रुपए सीधे उनके बैंक खाते में डाले जाएंगे। इसका सात नवंबर को पहले चरण की बीस सीटों पर हुए मतदान में भी अच्छा-खासा प्रभाव देखने को मिला। जिससे घबराकर सत्ताधारी कांग्रेस ने आनन-फानन में दीवाली के दिन छत्तीसगढ़ गृहलक्ष्मी योजना की शुरुआत का एलान किया।
हालांकि इससे पहले कांग्रेस के घोषणापत्र में महिलाओं के लिए किसी भी योजना की घोषणा नहीं की गई थी और न ही बीते पांच वर्षों में राज्य में शासन के दौरान कांग्रेस ने महिलाओं से संबंधित किसी योजना पर कोई ध्यान दिया। इसका खमियाजा पार्टी को चुनावों नतीजों के रूप में भुगतना पड़ा। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसी स्थिति ही कमोबेश दोनों दलों के लिए राजस्थान में दिखाई दी।
राज्य में भाजपा ने महिला मतदाताओं को लुभाने के लिए अपने चुनावी घोषणापत्र में कुछ अहम वादे किए और सरकार बनते ही उन्हें पूरा करने को लेकर प्रतिबद्धता जताई। जबकि यहां भी कांग्रेस भाजपा से काफी पीछे रह गई। इतना ही पार्टी ने अपना घोषणापत्र भी मतदान से कुछ रोज पहले ही जारी किया, जिसमें महिलाओं के लिए कुछ वादे किए। लेकिन तब तक भाजपा बाजी मार चुकी थी और राजस्थान में भी महिला मतदाताओं ने कहीं न कहीं इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन में कमल के फूल पर ही बटन दबाने का निर्णय ले लिया था।