केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए ‘Dark Pattern’ पर रोक लगाती है। इसका मतलब ये है कि ई-कॉमर्स कंपनियों जो लगातार ग्राहकों को गुमराह करने वाले ऑफर दिखाती हैं, जो लगातार फर्जी दावों के जरिए अपना प्रोडक्ट खरीदने के लिए दबाव बनाती हैं, अब उस प्रैक्टिस पर रोक लग जाएगी। बताया जा रहा है कि सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (CCPA) ने 30 नवंबर को ही इस फैसले को लेकर अपनी नोटिफिकेशन जारी कर दी थी। अब सभी गुड्स एंड सर्विस वाले प्लेटफॉर्म्स पर ये गाइडलाइन लागू होने वाली है।
अब जानकारी के लिए बता दें कि डार्क पैटर्न एक ऐसी प्रैक्टिस है जहां पर ग्राहकों को गुमराह करने के लिए तरह-तरह की चीजें की जाती हैं। जब भी आप किसी भी ई कॉमर्स वेबसाइट पर जाते हैं, कई बार वहां पर बड़ा-बड़ा लिखा होता है- Only 1 stock left, इसी तरह कई बार देखने को मिलता है कि किसी फोन पर सीधे-सीधे 50% की छूट दी जाती है ( बाद में पता चलता है कि उस फोन की असल MRP बहुत कम होती है और गुमहार करने के लिए बढ़े हुए दामों पर ही डिस्काउंट दिखाने का प्रयास होता है), ये सब कुछ डार्क पैटर्न के अंदर आता है। सरल शब्दों में जहां ग्राहकों को ही अंधेरे में रखा जाए, उसे डार्क पैटर्न कहते हैं।
वैसे और भी कई सारी चीजों को डार्क पैटर्न के अंदर रखा जा सकता है। उदाहरण के लिए कई बार जब तक आप किसी वेबसाइट से कोई सामान ना खरीद लें, आप दूसरी किसी वेबसाइट पर नहीं जा पाते। इस तरह का जो दबाव बनाने की कोशिश होती है, इसे भी डार्क पैटर्न ही माना जाता है। इसी तरह कई बार सामान का असल रेट छिपाना या फाइनल ऑर्डर के बाद रेट का खुलासा करना भी इसी प्रैक्टिस का हिस्सा माना जाता है।
अब सरकार ने क्योंकि इस प्रैक्टिस पर बैन लगा दिया है, ऐसे में ग्राहकों के लिए ये एक बड़ी राहत है और उनका नुकसान भी कम से कम होगा। वैसे ये वो फैसला है जिसकी मांग लंबे समय से थी, कई बार शिकायत भी हुई थी, धोखे की कई खबरें सुर्खियों में रहती थीं, लेकिन इस बार सरकार ने सख्ती दिखाते हुए ई कॉमर्स कंपनियों को झटका देने का काम कर दिया है।