मौसम विभाग ने सोमवार और मंगलवार को ओडिशा में भारी बारिश का अनुमान जताया है। शनिवार को आईएमडी ने अपने बुलेटिन में कहा कि तेज हवाओं के चलते कई क्षेत्रों में मौसम का रुख बदल रहा है। यदि यह मौसम प्रणाली चक्रवात में तब्दील हो जाती है, तो इसे ‘माइचौंग (Michaung)’ कहा जाएगा। यह नाम म्यांमा ने सुझाया है। आईएमडी ने पांच दिसंबर को तटीय जिलों गजपति, गंजम, पुरी और जगतसिंहपुर में 35 से 45 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलने का अनुमान जताया है। मौसम विभाग ने अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा एनडीआरएफ ने तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पुडुचेरी को 18 टीमें उपलब्ध कराई हैं और 10 अतिरिक्त टीमों को तैयार रखा गया है।
बंगाल की खाड़ी में बना दबाव क्षेत्र शनिवार को गहन दबाव क्षेत्र में बदल गया है और सोमवार को आंध्र प्रदेश तट को पार करने से पहले नेल्लोर व मछलीपट्टनम के बीच इसके चक्रवात बनने का अनुमान है। दबाव क्षेत्र 18 किमी प्रति घंटे की गति से पश्चिम-उत्तर पश्चिम की ओर बढ़कर एक गहन दबाव क्षेत्र में तब्दील हो गया है।
इस बीच, राज्य के विशेष राहत आयुक्त ने बंगाल की खाड़ी में चक्रवात की आशंका के मद्देनजर सात तटीय जिलों – बालासोर, भद्रक, केंद्रपाड़ा, जगतसिंहपुर, पुरी, खुर्द और गंजम को सावधानी बरतने के लिए कहा है। आईएमडी ने कहा कि समुद्री स्थितियां खराब होंगी और मछुआरों को अगली सूचना तक गहरे समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है।
बुलेटिन में कहा गया है कि यह सुबह साढ़े पांच बजे पुडुचेरी से लगभग 500 किलोमीटर पूर्व-दक्षिणपूर्व, चेन्नई से 510 किलोमीटर पूर्व-दक्षिणपूर्व, नेल्लोर से 630 किलोमीटर दक्षिणपूर्व और मछलीपट्टनम से 710 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिणपूर्व में केंद्रित था।
आईएमडी ने कहा कि इस मौसम प्रणाली के पश्चिम-उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ने और अगले 24 घंटे में बंगाल की दक्षिण-पश्चिम खाड़ी में चक्रवाती तूफान में तब्दील होने का अनुमान है। बुलेटिन में कहा गया है कि इसके बाद, यह उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ेगा और चार दिसंबर तक दक्षिण आंध्र प्रदेश व निकटवर्ती उत्तरी तमिलनाडु के तटों से होते हुए पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी तक पहुंच जाएगा।
आईएमडी ने कहा, “इसके बाद, यह लगभग उत्तर की ओर लगभग समानांतर और दक्षिण आंध्र प्रदेश तट के करीब बढ़ेगा और पांच दिसंबर को एक चक्रवाती तूफान बनकर नेल्लोर व मछलीपट्टनम के बीच से गुजरेगा। इस दौरान 80-90 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से हवा चलने का अनुमान है, जो 100 किलोमीटर प्रतिघंटे तक पहुंच सकती है।”