TMC Leader Mahua Moitra Case: “कैश-फॉर-क्वेरी” मामले में तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा को निष्कासित करने की सिफारिश करने वाली लोकसभा एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट सोमवार को संसद के निचले सदन में पेश की जाएगी।
इस बीच लोकसभा में कांग्रेस नेता और विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी ने शनिवार को ‘कैश फॉर क्वेरी’ मामले में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ आचार समिति की कार्यवाही के मुद्दे पर शनिवार को स्पीकर को पत्र लिखा है। अधीर रंजन चौधरी ने स्पीकर ओम बिरला को पत्र लिखकर सदन की “मुख्य रूप से सदस्यों के अधिकारों से संबंधित” संसदीय समिति प्रक्रियाओं की व्यापक समीक्षा का आग्रह किया है।
चौधरी के पत्र में एथिक्स कमेटी की कार्यवाही और पारदर्शिता के संबंध में चिंता जताई गई है। इसमें कहा गया है कि विशेषाधिकार और आचार समितियों की भूमिकाओं में काफी भेद है और दंडात्मक शक्तियों के लिए साफ दिशानिर्देशों की कमी को उजागर करता है। सांसद ने इसकी गंभीरता और दूरगामी प्रभाव का हवाला देते हुए निष्कासन की अभूतपूर्व सिफारिश पर भी सवाल उठाए।
लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी एजेंडा सूचना के मुताबिक आचार समिति के अध्यक्ष विनोद कुमार सोनकर पैनल की पहली रिपोर्ट सदन के पटल पर रखेंगे। विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता में आचार समिति ने 9 नवंबर को एक बैठक के दौरान रिपोर्ट को स्वीकार की थी, जिसमें छह सदस्यों ने मोइत्रा के निष्कासन का समर्थन किया था और चार विपक्षी सदस्यों ने असहमति नोट प्रस्तुत किए थे।
पैनल के जिन छह सदस्यों ने रिपोर्ट के पक्ष में मतदान किया था, उसमें कांग्रेस सांसद परनीत कौर भी शामिल थीं। उन्हें पहले पार्टी से निलंबित कर दिया गया था। विपक्षी दलों से संबंधित पैनल के चार सदस्यों ने असहमति नोट प्रस्तुत किए। विपक्षी सदस्यों ने रिपोर्ट को “फिक्स्ड मैच” करार दिया और कहा कि बीजेपी के लोकसभा सदस्य निशिकांत दुबे की शिकायत में कोई सबूत नहीं था।
मोइत्रा को तभी निष्कासित किया जा सकता है जब सदन पैनल की सिफारिश के पक्ष में वोट करे। संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है और 22 दिसंबर तक चलने वाला है।