अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम एयरपोर्ट बनकर लगभग तैयार है। इसका रनवे लगभग बनकर तैयार हो चुका है। जनवरी माह में भव्य श्रीराम मंदिर में होने वाली प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से पहले दिसंबर माह तक अयोध्या में हवाई यातायात सेवाएं प्रारंभ हो जाएंगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज इसका निरीक्षण करने जाने वाले हैं। जानकारी के मुताबिक एयरपोर्ट के फेज–वन के 2200 मीटर लंबे व 45 मीटर चौड़े रनवे का काम शत–प्रतिशत पूरा हो चुका है और भविष्य में रनवे को 3750 मी तक बढ़ाए जाने की भी योजना बनाई जा रही है जिसके लिए भूमि अर्जन का काम भी पूरा कर लिया गया है।
एयरपोर्ट के रनवे का काम पूरा हो चुका है। इस रनवे पर अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप तैयार किया गया है। नाइट लैंडिंग तथा कोहरे एवं धुंध में लैंडिंग के लिए कैट–वन एवम् रेसा सुविधाओं का काम लगभग पूरा हो चुकी है। वहीं एटीसी टॉवर का काम भी जल्द पूरा कर दिया जाएगा। अयोध्या की गरिमा के अनुरूप एयरपोर्ट का निर्माण किया जा रहा है। इसका डिजाइन राम मंदिर मॉडल के मुताबिक ही बनाया जा रहा है। 24 घंटे इस एयरपोर्ट का संचालन किया जाएगा। एयरपोर्ट को 500 यात्रियों की क्षमता के लिए बनाया गया है। इसी के साथ ही हवाई अड्डे पर लोगों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधा दी जाएंगी।
एयरपोर्ट के टर्मिनल बिल्डिंग का कार्य 95% पूरा हो चुका है। जानकारी के मुताबिक इस एयरपोर्ट पर पहली फ्लाइट दिल्ली से अहमदाबाद के लिए शुरू होगी। इसका संचालन रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले किया जा सकता है। यहां से दिल्ली के लिए हफ्ते में सात दिन और अहमदाबाद के लिए तीन दिन फ्लाइट चलाई जाएगी। एयरपोर्ट पर पूरा काम तीन फेज में पूरा किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट के लिए 821 एकड़ भूमि अर्जन का शत प्रतिशत कार्य पूर्ण कर एयरपोर्ट अथॉरिटी को सौंप दिया गया है। बता दें कि एयरपोर्ट के फेज–वन के 2200 मीटर लंबे व 45 मीटर चौड़े रनवे का काम शत–प्रतिशत पूरा हो चुका है।
इस एयरपोर्ट पर यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाएं मिलेंगी। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर संचालन प्रारंभ होने से एयरबस ए320 जैसे एयरक्राफ्ट के लैंडिंग की सुविधा अयोध्या धाम के एयरपोर्ट पर उपलब्ध हो जाएंगी। श्रीराम अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बिल्कुल उसी तरह बनाया जा रहा है जिस तरह श्री राम मंदिर का निर्माण हो रहा है। इस एयरपोर्ट के निर्माण में उसी पत्थर का निर्माण किया गया है जिससे राम मंदिर का निर्माण किया गया है।