पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद सभी को नतीजों का इंतजार है। जिसके बाद चुने गए सभी नए विधायक प्रदेश की विधायी प्रक्रियाओं को चलाने में सक्रिय हो जाएंगे। इन सबके बीच यह सवाल भी उठता है कि एक विधायक या विधानसभा सदस्य (MLA) का वेतन कितना होता है और इसे कैसे निर्धारित किया जाता है? आइए जानते हैं विधायक के वेतन संबंधी कुछ सवालों के जवाब।
विधायकों को हर महीने एक निश्चित वेतन मिलता है। इसके साथ ही उन्हें अपने क्षेत्र में लोककल्याण कार्यों पर खर्च करने के लिए भी अलग से विधायक फंड मिलता है। इतना ही नहीं हर राज्य के विधायक का वेतन भी अलग-अलग होता है और वेतन के अलावा भी उन्हें मिलने वाली सुविधाओं की लंबी लिस्ट होती है। हर राज्य के विधायक का वेतन राज्य सरकार निर्धारित करती है। हालांकि, इसकी वृद्धि कीके लिए मंजूरी विधानसभा से लेनी होती है।
वेतन के अलावा विधायकों को कई तरह के भत्ते और सुविधाएं भी मिलती है। इनमें राज्य की राजधानी में रहने के लिए आवास, दैनिक भत्ता, यात्रा भत्ता, रेल और राज्य सरकारी बस की यात्रा में विशेष सुविधा और प्राथमिकता, वाहन भत्ता, निजी सचिव का प्रावधान, चिकित्सकीय सुविधाएं भी शामिल हैं।
इस समय भारत में सबसे अधिक सैलरी तेलंगाना के विधायकों को मिलती है। तेलंगाना देश का वह राज्य है जहां पर विधायकों की सैलरी और अलाउंसेज को मिलाकर प्रति माह 2.50 लाख रुपये सैलरी मिलती है। हालांकि उनकी सैलरी बस 20,000 रुपये ही है, मगर भत्ते के तौर पर उन्हें 2,30,000 रुपये मिलते हैं। वहीं सबसे कम सैलरी त्रिपुरा के विधायकों को मिलती है, इन्हें प्रतिमाह 34 हजार रुपये सैलरी मिलती है। उत्तर प्रदेश के विधायकों को 1 लाख 87 हजार रुपये वेतन मिलता है।
मध्य प्रदेश का देश में दूसरा स्थान है जहां विधायकों का मासिक वेतन करीब 2.10 लाख है। जिसमें बेसिक सैलरी 30 हजार, निर्वाचन क्षेत्र भत्ता 35 हजार रुपये और अन्य भत्तों में चिकित्सा, कंप्यूटर ऑपरेटर, यात्रा भत्ता मिलते हैं। जिससे एमएलए का मासिक वेतन कुल मिलाकर 2.10 लाख तक हो जाता है।
राजस्थान के एक विधायक को प्रतिमाह 1.25 लाख रुपये का वेतन मिलता है। इसमें बेसिक सैलरी 40 हजार रुपये और उसके अलावा भत्तों में निर्वाचन क्षेत्रभत्ता ,दैनिक भत्ता, टेलिफोन भत्ता, रेल और सड़क यातायात में सुविधाएं, चिकित्सा सुविधाएं भी मिलती हैं। छत्तीसगढ़ के एक विधायक को बेसिक सैलरी 20 हजार रुपये प्रतिमाह मिलती है। इसके साथ ही निर्वाचन क्षेत्र भत्ता, टेलीफोन भत्ता, अर्दली भत्ता, दैनिक भत्ता और चिकित्सकीय भत्ते भी मिलते हैं जिससे उनकी कुल मासिक सैलरी 1.10 लाख है।