रेल विभाग में ट्रेन ड्राइवर और गार्ड की मनमानी की वजह से बुधवार दोपहर ढाई हजार से ज्यादा यात्री परेशान रहे। स्पेशल ट्रेन के ड्राइवर और गार्ड ने बीच रास्ते में अचानक ट्रेन रोक कर घर चले गए। जाते-जाते इतना बता दिए कि उनकी ड्यूटी का समय खत्म हो गया और अब वे जा रहे हैं। उनकी इस मनमानी और रेल विभाग के उच्चाधिकारियों के गैरजिम्मेदाराना रवैए से यात्री करीब साढ़े तीन घंटे तक परेशान रहे। नाराज यात्रियों ने इस दौरान स्टेशन पर हंगामा करते हुए नारेबाजी की।
बुधवार को एक बजे के आसपास बिहार के सहरसा से दिल्ली जा रही स्पेशल ट्रेन बाराबंकी के बुढ़वल स्टेशन पर अचानक रुक गई। बगल से एक मालगाड़ी गुजरने के बाद भी ट्रेन खड़ी रही तो यात्रियों को लगा कि सिग्नल नहीं मिलने की वजह से ट्रेर रुकी है। घंटा भर बीतने के बाद भी जब ट्रेन नहीं चली तो लोगों ने पूछताछ करनी शुरू कर दी। कुछ पता नहीं चलने पर हंगामा और नारेबाजी शुरू कर दी।
कुछ देर में स्टेशन अधीक्षक आए और इंजन के पास जाकर ड्राइवर और गार्ड से पूछा तो उन्होंने कहा कि उनकी ड्यूटी का समय खत्म हो चुका है, लिहाजा अब वे आगे नहीं ले जाएंगे। यह भी कहा कि उनकी स्वास्थ्य अच्छा नहीं है। उन्होंने अपना मेमो दिया और घर चले गए। इससे हड़कंप मच गया।
अधीक्षक ने इसकी सूचना कंट्रोल रूम को दी। सूचना से वहां भी खलबली मच गई। अव्यवस्था के बीच गोंडा से दूसरे ड्राइवर और गार्ड भेजे गए। इसके बाद ट्रेन शाम चार बजकर 50 मिनट पर रवाना हो सकी।
छोटे स्टेशन पर घंटों ट्रेन के खड़ी रहने से पानी और खाने-पीने के सामानों की भी किल्लत हो गई। स्टेशन के बगल और बाहर जो दुकाने थीं, वहां का पूरा सामान कुछ देरे में ही खत्म हो गया। दुकानदारों ने दो गुना-तीन गुना दामों पर सामान बेचकर मुनाफा भी कमाया।
फिलहाल रेलवे इस मामले की जांच करा रहा है। स्पेशन ट्रेन के इस तरह बीच रास्ते पर रोकने से विभाग में हड़कंप मचा हुआ है।