भारत सरकार ने प्रधान मंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को पांच सालों के लिए बढ़ा दिया है। यह योजना कोरोनाकाल के दौरान शुरू की गई थी और पीएम मोदी ने पांच राज्यों की चुनावी रैलियों के दौरान भी योजना का ज़िक्र किया था। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने एक प्रेस कांफ्रेस करते हुए कहा, “यह मोदी सरकार की एक बड़ी उपलब्धि है कि पिछले पांच सालों में लगभग 13.50 करोड़ भारतीय गरीबी स्तर से ऊपर उठे हैं। इसी तरह COVID-19 महामारी के दौरान प्रधान मंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना शुरू की गई थी जिसका काफी असर देखा गया है, कैबिनेट ने यह निर्णय लिया है कि इस योजना को 1 जनवरी 2024 से अगले पांच वर्षों के लिए बढ़ाया जाएगा।”
#WATCH | Union Minister Anurag Thakur says, “In the last five years, around 13.50 crore Indians rose above the poverty level. This is a big achievement of the Modi Government. Similarly, during the COVID-19 pandemic, the Pradhan Mantri Garib Kalyan Anna Yojana was introduced.… pic.twitter.com/W9lhquhaUT
प्रधानमंत्री मोदी ने चुनावी मौसम के बीच मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में गरीब कल्याण अन्न योजना को अगले पांच वर्षों के लिए बढ़ाने की घोषणा की थी। इस योजना के तहत पिछले तीन सालों से देश में गरीबों को मुफ्त राशन उपलब्ध कराया जा रहा है। अब जब एक महीने के भीतर यह मुफ्त राशन योजना समाप्त हो रही है तो सरकार का यह ऐलान राहत की बात मानी जा रही है। पीएम ने मध्यप्रदेश में कहा था, “अगले पांच साल तक मेरे देश के 80 करोड़ लोगों के घर का चूल्हा जलता रहेगा। यह मोदी की गारंटी है।”
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम, 2013 (एनएफएसए) के तहत पात्र राशन कार्ड धारकों को 5 किलो मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराने के लिए कोविड-19 महामारी के दौरान 2020 में इस योजना की शुरुआत की गई थी।
2022 के आखिर में गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों से पहले योजना को दिसंबर 2022 तक और फिर एक और साल के लिए दिसंबर 2023 तक बढ़ा दिया गया था। सरकार ने इसे फिर से पांच साल के लिए बढ़ा दिया है। यूपीए की योजना एनएफएसए का इस ही में विलय कर दिया गया था। यह योजना भी एनएफएसए तहत दो प्रकार के राशन कार्ड धारकों को कवर करती है।