दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार का कार्यकाल 6 महीने के लिए और बढ़ा दिया गया है। केजरीवाल सरकार ने इसका विरोध जरूर किया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट से केंद्र को राहत मिली है। कोर्ट ने केंद्र के कार्यकाल बढ़ाने के फैसले को पूरी तरह वैध मान लिया है। कोर्ट का साफ कहना है कि मुख्य सचिव का कार्यकाल बढ़ाने का अधिकार केंद्र सरकार के पास है और ये राज्य सरकार के अधीन नहीं है।
जानकारी के लिए बता दें कि केजरीवाल सरकार ने नरेश कुमार के कार्यकाल बढ़ाने का विरोध किया था। ये वहीं अधिकारी हैं जिन पर राज्य सरकार का आरोप है कि उन्होंने अपने बेटे की कंपनी को सीधे-सीधे 315 करोड़ का फायदा पहुंचाया। इस मामले में दिल्ली सरकार द्वारा एलजी को भी एक रिपोर्ट सौंप दी गई है और नरेश कुमार को तुरंत बर्खास्त करने की डिमांड हुई है।
अब उस पर फैसला हो पाता, उससे पहले ही नरेश कुमार के कार्यकाल को 6 महीने के लिए और बढ़ा दिया गया है। पिछले साल अप्रैल में ही उन्होंने मुख्य सचिव का पद संभाला था, इस साल उनका कार्यकाल समाप्त होने वाला था, लेकिन अब उन्हें 6 महीने का एक्सटेंशन दे दिया गया है। दिल्ली की केजरीवाल सरकार के लिए ये एक बड़ा झटका माना जा रहा है। वो हर कीमत पर नरेश कुमार के लिए एक्सटेंशन नहीं चाहते थे, लेकिन अब क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने भी मंजूरी दे दी है, ऐसे में इस मामले में केद्र का फैसला ही सर्वोपरि रहने वाला है।
वैसे जिस अधिकारी का केंद्र द्वारा एक्सटेंशन किया गया है, दिल्ली की राजनीति में उनकी एक अलग ही अहमियत रही है। असल में जिस मामले में मनीष सिसोदिया इस समय जेल में हैं, उस शराब घोटाले की पहली और सबसे अहम रिपोर्ट नरेश द्वारा ही एलजी वीके सक्सेना को सौंपी गई थी। उस रिपोर्ट में ही सबसे पहले तमाम तरह की अनियमितताओं का जिक्र किया गया था और उसी आधार पर ये जांच सीबीआई तक चली गई थी। अभी इस समय भी मनीष सिसोदिया जेल में ही हैं और संजय सिंह भी उसी से जुड़े मनी लॉन्ड्ररिंग केस में सजा काट रहे हैं।