India-Japan Two Plus Two Meeting: हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन के बढ़ते आक्रामक रवैये के बीच जल्द ही भारत-जापान के रक्षा और विदेश मंत्रियों के बीच टू प्लस टू स्तर की एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया जाएगा। इसमें भारत की ओर से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस.जयशंकर शामिल होंगे। जबकि जापान की तरफ से टू प्लस टू वार्ता में जापान के रक्षा मंत्री मिनोरू किहारा और विदेश मंत्री योको कामीकावा शामिल होंगे। हालांकि, अभी इस बैठक को लेकर किसी आधिकारिक तारीख का ऐलान नहीं किया गया है। लेकिन जल्द ही उसकी घोषणा की जाएगी।
रक्षा मंत्रालय के उच्चपदस्थ सूत्रों ने बताया कि इस बार टू प्लस टू स्तर की इस उच्च मंत्रिस्तरीय बैठक का आयोजन भारत में किया जाएगा। जिसमें दोनों पक्षों के बीच द्विपक्षीय रक्षा और सुरक्षा सहयोग को और अधिक मजबूत बनाने पर व्यापक आधार पर विचार-विमर्श किया जाएगा। बैठक में इसके अलावा इजराइल-हमास और रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध की वजह से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बने हुए चुनौतीपूर्ण हालात का मसला भी बातचीत में प्रमुखता से शामिल रहेगा। टू प्लस टू की बैठक से इतर दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों के बीच एक अहम द्विपक्षीय बैठक भी होगी। जिसमें द्विपक्षीय सामरिक संबंधों को मजबूती प्रदान करने पर चर्चा की जाएगी।
सूत्रों ने बताया कि भारत और जापान के संबंध दशकों पुराने हैं। जिनकी बुनियाद दोनों के प्राचीन साझा लोकतांत्रिक मूल्यों, स्वतंत्रता और अंतरराष्ट्रीय कानून के सम्मान पर टिकी हुई है। इसके अलावा भारत और जापान दोनों ही विवादों का बातचीत के जरिए शांतिपूर्ण ढंग से समाधान निकालने के पक्ष में हैं।
दोनों देश हिंद-प्रशांत महासागर क्षेत्र के इलाके में चीन की आक्रामकता को साफ तौर पर अनुभव कर रहे हैं। लेकिन एक खुले हुए, स्वतंत्र, समावेशी और संयुक्त राष्ट्र के नियम-कायदों पर आधारित समुद्री व्यवस्था को बनाए रखने के भी दोनों पुरजोर समर्थक हैं।
भारत-जापान के बीच टू प्लस टू बैठक की शुरुआत वर्ष 2019 में राजधानी दिल्ली में हुई थी। पिछली वार्ता का आयोजन जापान की राजधानी टोक्यो में किया गया था। इसमें भाग लेने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने जापान की यात्रा की थी। चीनी आक्रामकता के बीच गठित किए गए क्वाड समूह के देशों के साथ भारत ने बीते समय में टू प्लस टू स्तर की बैठकें की हैं। इनमें अमेरिका और आस्ट्रेलिया मुख्य रूप से शामिल हैं। जल्द ही जापान के साथ इस वार्ता के बाद भारत की अपने अंतिम क्वाड सहयोगियों के साथ यह बैठक संपन्न होगी।