Ram Temple: अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम होगी। जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश के 4 हजार से ज्यादा संत शामिल होंगे, लेकिन इससे पहले जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने राम मंदिर आंदोलन से लेकर कोर्ट में सुनवाई तक का जिक्र एक इंटरव्यू के दौरान किया।
जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि मुझे चुप कराने के लिए विपक्षी वकीलों को 45 हजार डॉलर विदेश से दिए गए थे। उन्होंने कहा कि जिस वक्त कोर्ट में सुनवाई चल रही थी, उस वक्त विपक्षी वकीलों ने मुझ पर काफी सवाल दागे, लेकिन मैंने उनके सभी सवालों का बेबाकी से जवाब दिया।
रामभद्राचार्य ने आगे कहा कि जिस वक्त राम मंदिर आंदोलन चल रहा था। उस वक्त पुलिस ने मेरे हाथ पर लाठी से प्रहार किया था। जिसका निशान आज भी मेरे हाथ में हैं। उन्होंने कहा कि उस दौरान मुझे आठ दिन जेल में रहना पड़ा था। उस वक्त मेरी बहन गीता मुझे घर से बना हुआ खाना जेल में देने आती है।
जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि जेल में रहने के दौरान वो रामायण का पाठ करते थे। उन्होंने कहा कि मैंने अभी तक अपने जीवनकाल में 230 पुस्तकें लिखी हैं।
रामभद्राचार्य ने इस दौरान कांग्रेस पर भी प्रहार किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का शुरू से स्वभाव रहा है सनातन धर्म का विरोध करना, लेकिन अगर मुझसे पूछा जाए कि इंदिरा और राजीव में कौन ठीक था तो मैं इंदिरा गांधी को पसंद नहीं करता था, लेकिन राजीव गांधी ठीक व्यक्ति थे।
जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कहा कि जब राम मंदिर को लेकर मेरे मन में जिक्र आता है तो खुशी में मेरी बंद आंखों से दो-चार आंसू गिर जाते हैं। नेत्रहीन कहने पर रामभद्राचार्य ने कहा कि मुझे बार-बार नेत्रहीन मत कहिए।
जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने अपनी इच्छाओं को भी साझा किया। उन्होंने कहा कि मैं अभी 25-30 साल जिंदा रहूंगा। मेरी जीने की बहुत इच्छा है। मैं 75 साल का हो गया हूं। आप लोग मेरे लिए ईश्वर से प्रार्थन करिए। जिससे मैं अभी जो कार्य नहीं कर पाया उनको कर सकूं। मेरा मन हिंदी को राष्ट्र भाषा घोषित कराने का है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उन्होंने अपना प्रिय मित्र बताया।