Israel-Hamas War: गाजा में सात सप्ताह तक बमबारी होने के बाद अब फिलिस्तीनी लोग अपने खंडहर हुए घरों की तरफ लौटने लगे हैं। इन्हीं में से एक महिला हैं ताहानी अल नज्जर। जिन्होंने शनिवार को अपने घर की तरफ रुख किया, जो इजरायली हमले में पूरी तरह से खंडहर में तब्दील हो चुका था। उन्होंने बताया कि इजरायली हमले में उनके परिवार के 7 लोग मारे गए हैं, लेकिन अब वो इस बारूद के ढेर में तब्दील हो चुके घर में रहने को मजबूर हैं।
कतर की मध्यस्थता से हुए इस समझौते के तहत चार दिन युद्ध विराम के 24 घंटे से अधिक समय बाद हजारों गाजा निवासी अस्थायी ठिकानों से अपने घरों की ओर जा रहे हैं, यह जानने के लिए कि उनको घरों का हाल कैसा है।
नज्जर अपने खंडहर हो चुके घर में मलबे को उठाती हुई मुड़ती हैं और कहती हैं कि अब हम कहां रहेंगे? कहां जाएंगे? हम रहने के लिए तंबू बनाने के लिए लकड़ी के टुकड़ों को एकत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उससे कोई फायदा नहीं हो रहा है। मेरे परिवार को यहां रुकने के लिए अब कुछ भी नहीं है।
एन्क्लेव के दक्षिण में खान यूनिस की पांच बच्चों की 58 वर्षीय मां नज्जर ने कहा कि इजरायल की सेना ने 2008 और 2014 में पिछले दो संघर्षों में उनके घर को भी नष्ट कर दिया था। नज्जर ने कहा कि उसने मलबे के बीच से कप, टूटी साइकिल और धूल से सने कपड़े देखे, लेकिन हम फिर से घर बनाएंगे।
छोटी गाजा पट्टी में रहने वाले 2.3 मिलियन लोगों में से कई लोगों के लिए लगातार हवाई हमलों के बाद अब उन्हें सुरक्षित रूप से घूमने का मौका मिला है। जिसमें वो बस अपनी तबाही को नजदीक से देख सकेंगे।
आउटडोर मार्केट और हेल्प डिपो पर हजारों लोग उस सहायता के लिए कतार में खड़े थे, जो संघर्ष विराम के बाद गाजा में लोगों को दी जा रही है।
बता दें, हमास के आतंकवादियों ने 7 अक्टूबर को इजरायली शहरों पर अचानक हमला किया था। जिसमें 1200 से ज्यादा लोग मारे गए थे। जिसके बाद इजरायल ने गाजा पर जमकर बमबारी की। जिसने गाजा को खंडहर में तब्दील कर दिया।
हमास द्वारा संचालित क्षेत्र में फिलिस्तीनी स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि बमबारी में 14,000 से अधिक लोग मारे गए हैं, जिनमें से 40% बच्चे हैं, और आवासीय जिलों के कई हिस्से नष्ट हो गए हैं। उन्होंने कहा है कि मलबे के नीचे हजारों और शव हो सकते हैं, मरने वालों की आधिकारिक संख्या अभी भी दर्ज नहीं की गई है।
इज़रायल की सेना ने पिछले महीने सभी नागरिकों को पट्टी के उत्तर में जाने के लिए कहा था, जहां लड़ाई सबसे भीषण थी, लेकिन उसने दक्षिण में बमबारी जारी रखी, जहां सैकड़ों हजारों लोग भाग गए थे और जहां नज्जर का घर स्थित था। इसने कहा है कि युद्धविराम के दौरान नागरिकों को उत्तर की ओर नहीं लौटना चाहिए और जो लोग दक्षिण भाग गए थे उनमें से कई अब पीछे रह गए लोगों से जानकारी मांग रहे हैं। इस बीच नाकाबंदी ने मानवीय संकट को और बढ़ा दिया है, जिससे अस्पतालों के लिए बिजली, ताजा पानी, एम्बुलेंस के लिए ईंधन या भोजन और दवाओं की कमी हो गई है।