अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के साथ-साथ पूरे शहर के विकास पर ज़ोर दिया रहा है। अयोध्या के समग्र विकास के लिए अयोध्या विकास प्राधिकरण ने एक नई पहल की है। अयोध्या विकास प्राधिकरण और अराहास टेक्नोलॉजी के बीच सस्टेनेबल सिटी इंडेक्स प्लेटफॉर्म बनाने के लिए एक करार हुआ है। इस करार का एक मुख्य उद्देश्य अयोध्या को वैदिक आत्मनिर्भर (सस्टेनेबल) शहर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाना है।
अयोध्या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से संचालित पहला वैदिक सस्टेनेबल शहर होगा। अयोध्या विकास प्राधिकरण ने वैदिक सस्टेनेबल सिटी इंडेक्स प्लेटफॉर्म बनाने के लिए दिल्ली स्थित एक फर्म के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। जिसका उद्देश्य स्थानीय आबादी की बढ़ती जरूरतों को मैनेज करते हुए सस्टेनेबल प्रैक्टिस को लागू करने के लिए कदम उठाना होगा।
MoU के मुताबिक अयोध्या शहर के लोगों की के अनुरूप सरकारी संस्थाओं से फैसले लेते हुए वैदिक सिटी अयोध्या में सस्टेनेबल इंडेक्स प्लेटफार्म की मदद से ये काम किया जाएगा। अयोध्या विकास प्राधिकरण और अराहस टेक्नोलॉजी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से और डाटा एनालिटिक्स की मदद से अयोध्या शहर के सस्टेनेबिलिटी लक्ष्यों को आगे बढ़ाने के लिए काम करेगी। अयोध्या विकास प्राधिकरण को अयोध्या के अनुशासित विकास के लिए भी रूपरेखा तय करने में सहायता करेगी। दोनों संस्थानों का ये संयुक्त प्रयास होगा।
अयोध्या के नगर आयुक्त और अयोध्या विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह के मुताबिक वैदिक सस्टेनेबल सिटी इंडेक्स अयोध्या के लिए एक दूरदर्शी भविष्य चाहता है, जो परंपरा और आधुनिकता का सामंजस्यपूर्ण मिश्रण होगा। अयोध्या विकास प्राधिकरण वैदिक सिद्धांतों पर आधारित शहर के विकास और इसके निवासियों की भलाई के लिए कार्य करेगा।
तीर्थयात्रियों की संख्या में वृद्धि और सस्टेनेबल सिटी इंडेक्सेज के लिए एक स्ट्रक्चर्ड ट्रैकिंग सिस्टम न होने की दिशा में अयोध्या के सामने आने वाली चुनौतियों के लिए इस तरह के एक व्यवस्थित दृष्टिकोण की जरूरत है। वैदिक सस्टेनेबल सिटी इंडेक्स प्लेटफॉर्म इन सभी चुनौतियों का समाधान करने के लिए तैयार है, जो अन्य शहरों के सफल मॉडलों के आधार पर अयोध्या की सस्टेनेबिलिटी को बढ़ाने के लिए मूल्यवान आंतरिक जानकारी और अवसर प्रदान करेगा।