उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में निर्माणाधीन सिल्कयारा सुरंग में 13 दिनों से फंसे 41 श्रमिकों को बचाने के कार्य में गुरुवार को फिर से अवरोध पैदा हुआ। जिस प्लेटफॉर्म पर ड्रिलिंग मशीन टिकी हुई है, उसमें दरारें दिखने के बाद ड्रिलिंग रोक दी गई। निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा ढह जाने के बाद 12 नवंबर को विभिन्न एजेंसियों द्वारा बचाव अभियान शुरू होने के बाद से यह तीसरी बार है कि ड्रिलिंग का काम रोका गया है। एक अधिकारी के अनुसार जिस प्लेटफॉर्म पर 25 टन की ड्रिलिंग मशीन लगी हुई है, उसे स्थिर करने के लिए ड्रिलिंग रोक दी गई। दरअसल, संरचना में कुछ दरारें दिखाई दीं। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि अगले कुछ घंटों में या कल तक हम इस ऑपरेशन में सफल हो जाएंगे। हालांकि, उन्होंने आशंका जताई कि इसमें और भी बाधाएं आ सकती हैं। मौके पर मौजूद प्रधानमंत्री कार्यालय के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे ने बताया कि मलबे में अमेरिकी ऑगर मशीन से की जा रही ड्रिलिंग के दौरान लोहे का सरिया आ गया था। उन्होंने कहा कि उसे गैस कटर के माध्यम से काट दिया गया है।
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Silkyara Tunnel बचाव पर प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे ने कहा, ”यह एक कठिन काम है, इसलिए इसमें समय लग रहा है। हम बरमा मशीन को उसकी नींव पर मजबूती से स्थापित करने में सक्षम हुए हैं। पाइप के मुंह पर कुछ रुकावटें थीं, जिन्हें हमें काटकर साफ़ करना था।”
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रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान ऑगर मशीन में दिक्कत आने के बाद रुके काम को दोबारा शुरू कर दिया गया है। ड्रिल मशीन का प्लेटफॉर्म ठीक किया गया। मुड़े हुए पाइप को ठीक किया जा रहा है। अभी मजदूरों से 9 मीटर दूर है पाइप।
उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर के पुजारियों ने उत्तराखंड के उत्तरकाशी में सिल्कयारा सुरंग के अंदर फंसे 41 श्रमिकों की सुरक्षा के लिए विशेष प्रार्थना की। सिलक्यारा सुरंग में 11 दिनों से फंसे 41 श्रमिकों को बचाने के कार्य में बृहस्पतिवार को फिर से अवरोध पैदा हुआ क्योंकि जिस प्लेटफॉर्म पर ड्रिलिंग मशीन टिकी हुई है, उसमें दरारें दिखने के बाद ड्रिलिंग रोक दी गई।
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उत्तरकाशी सुरंग बचाव अभियान में इस्तेमाल की जा रही ड्रोन तकनीक पर स्क्वाड्रन इंफ्रा माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड के एमडी और सीईओ सिरिएक जोसेफ ने कहा, “यह (ड्रोन) लेटेस्ट तकनीकों में से एक है जो सुरंग के अंदर जा सकता है। यह उन क्षेत्रों में भी जा सकता है जहां जीपीएस भी नहीं जाता है।”
उत्तरकाशी सुरंग हादसे में फंसे हुए 41 श्रमिकों के लिए खाना पैक किया जा रहा है। अंतरराष्ट्रीय सुरंग विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स ने बताया कि सुरंग में फंसे हुए मजदूर सुरक्षित और स्वस्थ हैं, ऐसे में जल्दबाजी नहीं करना बहुत आवश्यक है। अगर हम इस तरह की स्थिति में जल्दबाजी करते हैं तो ऐसी चुनौतियां पैदा हो सकती हैं जिनकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते।
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उत्तरकाशी में सिल्कयारा टनल में फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन अभी भी जारी है। देर रात ऑगर मशीन में फिर खराबी आ गई। इसके बाद ड्रिलिंग का काम रोकना पड़ा है।
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री वी के सिंह और एनडीआरएफ के महानिदेशक अतुल करवाल बचाव प्रयास की समीक्षा के लिए बृहस्पतिवार को सिलक्यारा में थे। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी सिलक्यारा पहुंचे। सुरंग में स्थापित ‘ऑडियो कम्युनिकेशन सेटअप’ के माध्यम से धामी ने श्रमिकों से बातचीत करते हुए उन्हें बताया कि राहत एवं बचाव कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है और बचावकर्मी उनके बहुत नजदीक पहुंच चुके हैं। धामी ने कहा, ‘‘हम करीब 45 मीटर आगे आ चुके हैं। पूरा देश आपके साथ खड़ा है। आप सभी लोग हौसला बनाएं रखें।’’