TRAI Action on Digital Fraud: अनचाही काल और मैसेज से डिजिटल धोखाधड़ी का शिकार बुजुर्गों से ज्यादा कम उम्र के लोग हो रहे हैं। धोखाधड़ी करने के लिए आवाज की क्लोनिंग या हेराफेरी के जरिए गड़बड़ियों को पहचानने में चुनौती बरकरार है।
अनजान फोन नंबर की पहचान करने में मददगार ऐप ‘ट्रू कालर’ (TrueCaller) के मुख्य कार्यपालक अधिकारी एलेन मामेदी ने कहा कि भारत में 27 करोड़ लोग इस ऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं। देश में रोजाना इस ऐप के जरिए 50 लाख स्पैम काल की सूचनाएं मिलती हैं। उन्होंने कहा कि अब बुजुर्गों से अधिक युवा इस तरह की धोखाधड़ी का शिकार हो रहे हैं।
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI)के सचिव वी रघुनंदन ने मंगलवार को ट्रू कालर के एक कार्यक्रम में कहा कि यूजर्स के सामने आ रहीं तकनीकी समस्याओं को दूर करने की कोशिशें जारी है। ग्राहकों को अवांछित काल व संदेश से राहत देने के लिए ट्राई, अपने डू-नाट-डिस्टर्ब (डीएनडी) ऐप की मौजूदा खामियों को दूर करने की कोशिश में है। मार्च, 2024 तक सभी ऐंड्रायड फोन के लिए इस ऐप को कारगर बनाने की कोशिश है। इसके लिए ट्राई ने एक एजेंसी को भी अपने साथ जोड़ा है। कुछ ऐंड्रायड फोन के लिए इस समस्या को काफी हद तक दूर कर लिया गया है। मार्च तक ऐप को सभी एंड्रायड में इस्तेमाल के अनुकूल बनाने की कोशिशें जारी है।
जब मोबाइल ग्राहक अपने फोन पर स्पैम काल या संदेश को पहचानने की कोशिश करते है उस वक्त कई बार ऐप में खामियां नजर आती हैं। हालांकि इस ऐप में सुधार से स्पैम काल और SMS की संख्या में काफी कमी आई है।
आईफोन बनाने वाली कंपनी ऐप्पल ने डीएनडी ऐप (DND App) को काल विवरण एक्सेस देने से इनकार कर दिया था। ट्राई के सचिव ने कहा कि ऐप को ऐप्पल के iOS उपकरणों के मुताबिक बनाने के प्रयास चल रहे हैं। सार्वजनिक या निजी क्षेत्र की कोई एक एजेंसी देश में सुरक्षा के सभी पहलुओं का ध्यान नहीं रख सकती है। इसके लिए सभी की भागीदारी के साथ ही सहयोग का नजरिया अपनाने की जरूरत है।