BY: Kiran Parashar
जम्मू-कश्मीर के राजौरी में पांच जवानों की शहादत ने पूरे देश को गमजदा कर दिया है। आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब तो जरूर दिया गया है, लेकिन सेना को भी भारी नुकसान उठाना पड़ा। देश की सेवा करते हुए कैप्टन एमवी प्रांजल भी इस ऑपरेशन में शहीद हुए। उन्होंने भी आतंकियों से लोहा लेते हुए अपने सीने पर गोली खाई। अब देश की शहादत में शामिल हुए कैप्टन प्रांजल की आखिरी कॉल के बारे में पता चला है।
प्रांजल के पिता एम वेंकटेश ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए अपने बेटे की शहादत पर भावुक नजर आए। उनकी तरफ से बताया गया कि प्रांजल ने ऑपरेशन पर जाने से पहले अपनी पत्नी से बात की थी। वो ही आखिरी कॉल थी और उसके बाद ही प्रांजल से कोई बात नहीं हुई। उस कॉल के बारे में कैप्टन के पिता ने कहा कि प्रांजल ने कहा था कि वो ऑपरेशन के लिए जा रहा है और सब ठीक रहा तो अब गुरुवार को बात कर पाएगा। मायूस पिता बताते हैं कि गुरुवार निकल गया, लेकिन प्रांजल नहीं उसका शव आने वाला है।
प्रांजल की उम्र सिर्फ 29 साल थी और उन्होंने 2021 में आदिती से शादी की। उनकी पत्नी IIT चेन्नई से PHD की पढ़ाई कर रही हैं। कैप्टन के पिता के मुताबिक दोनों ही वर्तमान में अपने करियर में व्यस्त थे, ऐसे में अलग-अलग रह रहे थे। वैसे ये प्रांजल की शिद्दत ही थी कि उन्होंने देश के लिए अपना सबसे बड़ा बलिदान दिया। उनके पिता बताते हैं कि वे बचपन से ही डिफेंस फोर्सेस में शामिल होना चाहते थे। सपना तो पायलट बनने का था, लेकिन कम कद की वजह से आर्मी में चले गए।
राजौरी एनकाउंटर की बात करें तो ये बुधवार को कालाकोट सब डिविजन में धर्मसाल पुलिस स्टेशन एरिया के बाजी माल के जंगलों में हुआ। एनकाउंटर के दौरान भारतीय सेना के कैप्टन एमवी प्रांजल, कैप्टन शुभम गुप्ता, हवलदार अब्दुल माजिद, लैंस नायक संजय बिष्ट औऱ पैरा ट्रूपर सचिन लौर वीरगति को प्राप्त हुए।