Deepfake A Big Concern: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को जी20 वर्चुअल शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए डीपफेक मुद्दे के बारे में बात की। मोदी ने कहा कि आज आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के युग में टेक्नोलॉजी के रिस्पांसिबल तरीके से उपयोग में लाने की जरूरत है। पूरी दुनिया में AI के निगेटिव यूज को लेकर चिंता बढ़ रही है। मोदी ने कहा कि भारत की स्पष्ट सोच है कि AI के वैश्विक रेगुलेशन को लेकर हमें मिलकर काम करना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने कहा कि डीपफेक समाज, व्यक्ति के लिए इतना खतरनाक है कि इसकी गंभीरता को समझते हुए हमें आगे बढ़ना होगा। पीएम मोदी ने कहा कि हम चाहते हैं कि AI लोगों तक पहुंचे, लेकिन यह समाज के लिए सुरक्षित होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसी अप्रोच के साथ भारत में अगले महीने ग्लोबल AI पार्टनरशिप समिट आयोजित की जा रही है।
पीएम मोदी ने कहा कि जब मैंने इस वर्चुअल समिट का प्रस्ताव रखा था तब मुझे पूर्वानुमान नहीं था कि आज की वैश्विक स्थिति कैसी होगी। पश्चिमी एशिया क्षेत्र में अस्थिरता और असुरक्षा की स्थिति हम सब के लिए चिंता का विषय है। आज हम सभी का एक साथ आना इस बात का प्रतीक है कि हम सभी मुद्दों के प्रति संवेदनशील हैं और इनके समाधान के लिए एक साथ खड़े हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम मानते हैं कि आतंकवाद हम सभी को अस्वीकार्य है। नागरिकों की मौत कहीं भी हों निंदनीय है। आज हुए बंधकों की रिहाई के समाचार का हम स्वागत करते हैं। मानवीय सहायता का समय से और निरंतर पहुंचना आवश्यक है। ये सुनिश्चित करना भी ज़रूरी है कि इज़राइल और हमास की लड़ाई किसी तरह का क्षेत्रीय रूप धारण न कर ले।
उन्होंने कहा कि 21वीं सदी के विश्व को आगे बढ़ते हुए ग्लोबल साउथ की चिंताओं को प्राथमिकता देनी होगी। ग्लोबल साउथ के देश ऐसी अनेक कठिनाइयों से गुजर रहे हैं जिनके लिए वे जिम्मेदार नहीं हैं। समय की मांग है कि हम विकास एजेंडे को अपना पूर्ण समर्थन दें…”
डीपफेक शब्द पिछले कुछ दिनों से इंटरनेट, अखबारों और टीवी न्यूज की दुनिया में चर्चा बना हुआ है। शायद पहली बार हम लोगों ने यह शब्द सुना है, जबकि कई पहले से इस शब्द से वाकिफ रहे होंगे। एक्ट्रेस रश्मिका मंदाना से लेकर कटरीना कैफ और काजोल से लेकर सचिन तेंदुलकर की बेटी सारा तेंदुलकर तक। खासतौर पर सेलिब्रिटीज डीपफेक टेक्नोलॉजी का शिकार हो रहे हैं। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी डीप फेक को लेकर चिंता जाहिर कर दी है।
जी20 वर्चुअल समिट से पहले भाजपा के दिवाली मिलन समारोह में पीएम मोदी ने कहा था कि AI का इस्तेमाल करके डीपफेक बनाना चिंताजनक है। उन्होंने कहा था कि डीपफेक भारत के सामने मौजूद सबसे बड़े खतरों में से एक है, इससे अराजकता पैदा हो सकती है। उन्होंने मीडिया से अपील करते हुए था कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डीप फेक को लेकर लोगों को जागरुक किया जाए। पीएम ने कहा कि कार्यक्रमों के जरिए लोगों को एजुकेट करें कि डीपफेक है क्या, कितना बड़ा संकट पैदा कर सकता है और इसके प्रभाव क्या हो सकता हैं, उसको उदाहरणों के साथ लोगों को बताया जाए।
प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि हाल ही में उन्होंने एक वीडियो देखा जिसमें उन्हें गरबा गाते हुए दिखाया गया था। मुझे खुद लगा कि यह क्या बना दिया, यह चिंता का विषय है। जबकि यह वीडियो पूरी तरह से फेक था।
बता दें, हाल ही में डीपफेक वीडियो को लेकर सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई थी। इसकी शुरुआत तब हुई जब मशहूर एक्ट्रेस रश्मिका मंदाना का एक डीपफेक वीडियो इंटरनेट पर तेजी से वायरल हुआ। इस वीडियो में रश्मिका का चेहरा किसी दूसरी महिला की बॉडी पर मॉर्फ करके लगाया हुआ था। जबकि ओरिजिनल वीडियो में दिख रही महिला ब्रिटिश-इंडियन और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर ज़ारा पटेल थी। ओरिजिनल वीडियो में जारा को एक लिफ्ट से बाहर निकलते हुए ब्लैक आउटफिट में देखा जा सकता था। लेकिन वायरल वीडियो ज़ारा के चेहरे को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए एडिट करके रश्मिका मंदाना के चेहरे से बदल दिया गया था