अदालत में 30 मिनट की देरी से पहुंचना महाराष्ट्र के दो पुलिसकर्मियों को महंगा पड़ गया। बताया गया है कि ये दोनों पुलिसकर्मी दो आरोपियों को लेकर कोर्ट में पेश करने आ रहे थे लेकिन ये खुद ही लेट हो गए। इससे नाराज जज ने पुलिसकर्मियों को ही सजा दे दी। जिसके बाद उन्हें इस गलती के लिए घास काटने का काम सौंपा गया।
महाराष्ट्र की एक अदालत ने कोर्ट की सुनवाई शुरू होने के आधे घंटे बाद पहुंचे पुलिसकर्मियों को घास काटने की सजा दे दी। इस सजा से दोनों पुलिसकर्मी काफी नाराज बताए जा रहे हैं और मामले की जानकारी अब पुलिस विभाग के उच्च अधिकारियों को भी दे दी गई है।
मामला महाराष्ट्र के परभणी जिले का है। मानवत थाने के एक कॉन्स्टेबल और एक हेड कॉन्स्टेबल ने दो आरोपियों को पकड़ा था। 22 अक्टूबर की रात को गश्त के दौरान इन दोनों को संदिग्ध परिस्थिति में पकड़ा गया था। दोनों आरोपियों को हॉलीडे कोर्ट में सुबह 11 बजे पेश किया जाना था। दोनों पुलिसकर्मी आरोपियों को लेकर 11:30 बजे कोर्ट पहुंचे। पुलिसकर्मी की देर से आता देखकर प्रथण श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट नाराज हो गए।
परभणी के एसपी इन्चार्ज के हवाले से बताया गया है कि उचित कार्रवाई के लिए एक विस्तृत रिपोर्ट न्यायपालिका को भेज दी गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, इस पूरी घटना को 22 अक्टूबर को पुलिस स्टेशन की डायरी में दर्ज किया गया था। इस मामले में तीन और कॉन्सटेबल्स के बयान भी दर्ज किए गए हैं।
परभणी के प्रभारी एसपी यशवंत काले ने घटना की पुष्टि की। उन्होंने कहा, “यह हमारे संज्ञान में लाए जाने के बाद, कांस्टेबलों के बयानों के साथ एक विस्तृत रिपोर्ट उचित कार्रवाई के लिए न्यायपालिका को भेजी गई थी।” घटना के गवाह तीन अन्य कांस्टेबलों के भी बयान दर्ज किए गए हैं। मैनवट पुलिस स्टेशन के इंस्पेक्टर दीपक दंतुलवार ने डायरी प्रविष्टि की पुष्टि की, लेकिन इस बारे में कुछ भी विस्तार से बताने से इनकार कर दिया।