दिल्ली सरकार ने द्वारका एक्सप्रेसवे प्रोजेक्ट में 850 करोड़ रुपये के कथित भूमि अधिग्रहण घोटाले का मामला सीबीआई को भेज दिया है। इस मामले में मुख्य सचिव नरेश कुमार पर अपने बेटे करण चौहान से जुड़ी कंपनी को फायदा पहुंचाने के लिए जमीन की कीमत 22 गुना बढ़ाने का आरोप था। उसी कंपनी द्वारा 2015 में सर्किल रेट के 7% पर भूमि अधिग्रहण से जुड़ा मामला मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के लिए ईडी को भेजा गया। पिछले दिनों इस मामले को दिल्ली की मंत्री आतिशी ने फाइल मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पास भेजी थी। इसके बाद सीएम केजरीवाल ने मामले को जांच के लिए सीबीआई और ईडी के पास भेज दिया है।
द्वारका एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट में कथित तौर पर जमीन अधिग्रहण में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया था। केजरीवाल ने सतर्कता मंत्री आतिशी सिंह को जांच करने का निर्देश दिया था। इसमें आरोप लगाया गया कि मुख्य सचिव नरेश कुमार के बेटे को एक ऐसे व्यक्ति के रिश्तेदार ने नौकरी पर रखा जिसे एक सड़क परियोजना के लिए अधिग्रहीत जमीन के लिए बढ़ा हुआ मुआवजा दिया गया। आतिशी सिंह ने शुरुआती जांच के बाद मुख्यमंत्री को 650 पन्ने की प्राथमिक रिपोर्ट सौंपी है। बता दें कि जमीन अधिग्रहण के लिए बामनोली में 19 एकड़ जमीन की कीमत इस साल मई में तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट (दक्षिण पश्चिम) हेमंत कुमार ने 41 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 353 करोड़ रुपये कर दी थी।
Delhi govt refers the matter of Rs 850 Crore alleged land acquisition scam in Dwarka Expressway project to CBI. Chief Secretary Naresh Kumar was accused of inflating the cost of land 22 times to benefit a company linked to his son Karan Chauhan. Associated matter of acquisition…
बता दें कि दिल्ली सरकार की ओर से बामनोसी जमीन अधिग्रहण में गड़बड़ी को लेकर अपनी रिपोर्ट उपराज्यपाल के पास भेजी थी। हालांकि उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने इस रिपोर्ट पर विचार करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि रिपोर्ट को देखकर ऐसा लगता है कि ये रिपोर्ट सिर्फ कल्पनाओं पर आधारित है। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार की इस रिपोर्ट पर विचार करने से इनकार कर दिया था। उपराज्यपाल ने कहा था कि इस रिपोर्ट को देखकर ऐसा लगता है कि पूरी रिपोर्ट उनकी काल्पनिक धारणाओं से प्रेरित है। उपराज्यपाल ने इसके साथ ही यह भी कहा कि खुद मुख्य सचिव की रिपोर्ट पर उन्होंने इस जमीन अधिग्रहण में भ्रष्टाचार को लेकर सीबीआई जांच की सिफारिश की थी।