उत्तरकाशी में पिछले 10 दिनों से टनल में फंसे 41 मजदूरों को निकालने के लिए रेस्क्यू टीम की मेहनत अब रंग लाती दिख रही है। पिछले 24 घंटे मजदूरों के साथ-साथ प्रशासन के लिए उम्मीद से भरे रहे हैं। एक तरफ मजदूरों तक पहली बार खाना पहुंचा है तो वहीं दूसरी तरफ उनका पहला वीडियो भी सामने आ गया है। तकनीक और लगातार चल रही मेहनत ने आस जगा दी है कि अगले कुछ दिनों में मजदूरों की मौत के साथ जारी ये जंग खत्म होने वाली है।
अब ये उम्मीद भी इसलिए बंधी है क्योंकि रेस्क्यू टीम के एक अधिकारी ने बताया है कि अगले 40 घंटे में कोई गुड न्यूज मिल सकती है। असल में अब इस रेस्क्यू मिशन का सबसे महत्वपूर्ण कार्य शुरू कर दिया गया है। इस समय टेलिस्कोपिंग तकनीक के जरिए 800 मीटर के पाइप बिछाए जा रहे हैं। इस काम के पूरा होने के बाद अमेरिकन ऑगर मशीन से आगे की ड्रिलिंग को अंजाम दिया जाएगा। ऐसे में माना जा रहा है कि अगले कुछ घंटों में रेस्क्यू को लेकर कोई बड़ा अपडेट मिल सकता है।
राहत की बात ये भी है कि हाल ही में जिस 6 इंच के पाइप को टनल में आर-पार किया गया था, वो ना सिर्फ सीधे मजदूरों तक पहुंच सका, बल्कि उसके सहारे खाने का सामान भी लगातार भेजा जा रहा है। बताया जा रहा है कि मंगलवार को मजदूरों को 5 से 10 किलो सेब, संतरा भेजा गया है। 5 दर्जन केले भी पहुंचा दिए गए हैं, इसके साथ-साथ दवाइयां और इलेक्ट्रल भी दिया गया है। वैसे ये राहत सामग्री सिर्फ यहीं पर नहीं रुकने वाली है, आने वाले दिनों में रोटी सब्जी भी भेजने की तैयारी है।
वैसे अधिकारियों से लेकर डॉक्टरों ने उन मजदूरों से बात की है। उस बातचीत से पता चलता है कि कुछ चुनौतियां जरूर हैं, लेकिन मजूदर सुरक्षित हैं। एक टीवी चैनल से बात करते हुए एक डॉक्टर ने बताया है कि मजदूरों को विटामिन से लेकर कैलशियम की गोलियां भेजी जा रही हैं, कुछ को आंखों में जलन की शिकायत थी, ऐसे में उसकी अलग से दवाई भेज दी गई है। जोर देकर कहा गया है कि वर्तमान स्थिति में सभी मजदूर कुशल हैं और जल्द रेस्क्यू होने का इंतजार कर रहे हैं।
रेस्क्यू टीम की तैयारी की बात करें तो उनकी तरफ से वर्टिकल और हॉरिजॉन्टल दोनों तरह की ड्रिलिंग की जा रही है. टनल में जिस जगह मजदूर फंसे हैं, वहां के पहाड़ पर भी ड्रिलिंग का काम शुरू हो चुका है। कोशिश ये की जा रही है कि ऊपर से ही गड्डा कर तमाम मजदूरों को बाहर निकाल लिया जाए। वैसे एक तरफ रेस्क्यू की कोशिश तो जारी है ही, इसके साथ-साथ सरकार द्वारा मीडिया और टीवी चैनलों को लेकर भी एडवाइजरी जारी कर दी गई है।
इनफार्मेशन एंड ब्रॉडकास्टिंग मिनिस्ट्री द्वारा जारी किए गए निर्देशों में कहा गया है कि यह रेस्क्यू ऑपरेशन बेहद संवेदनशील नेचर का है, इसलिए प्राइवेट टीवी चैनल अपनी खबरों के प्रसारण के समय संवेदनशील रहें और खासकर रेस्क्यू ऑपरेशन से जुड़ी खबरों की हेडलाइन और वीडियो में विशेष सावधानी बरतें। सरकार के इस परामर्श में कहा गया है कि टीवी चैनल्स द्वारा की रेस्क्यू ऑपरेशन स्थल के पास से की जा रही कवरेज से ऑपरेशन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना है।