वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर को सोमवार को इलाहबाद हाईकोर्ट से मंजूरी मिल गई। मंजूरी मिलने के बाद अब कॉरिडोर निर्माण का भी रास्ता साफ़ हो गया है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनने के बाद अब जल्द ही बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर का निर्माण भी शुरू हो जाएगा। बता दें कि इसके निर्माण का ब्लू प्रिंट पहले से ही जिला प्रशासन ने तैयार कर योगी सरकार को भेज दिया है।
कॉरिडोर के प्रस्ताव के अनुसार यह दो मंजिल का होगा। इसके अलावा इसमें तीन रास्ते होंगे। तीन रास्तों के माध्यम से मंदिर तक आसानी से पहुंचा जा सकेगा। इसके साथ रास्ते भी चौड़े होंगे। हाई कोर्ट के फैसले के बाद प्रशासन ने भी राहत की सांस ली है तो वहीं श्रद्धालु भी खुश हैं। इस कॉरिडोर का निर्माण 5 एकड़ (8 बीघा) में किया जायेगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि कॉरिडोर का निर्माण इस प्रकार से किया जाए कि किसी भी कीमत पर उसका मूल स्वरूप परिवर्तित ना हो और किसी भी परंपरा को तोड़ा ना जाए। इस कॉरिडोर में दो क्षेत्र बनाए जाएंगे एक खुला होगा, दूसरा ढका होगा।
साथ ही कॉरिडोर में एक पार्किंग की व्यवस्था भी तैयार की जाएगी, जिससे लोगों को अपना वाहन खड़ा करने में कोई परेशानी ना हो। कॉरिडोर के अंदर श्रद्धालुओं के पैदल घूमने के लिए अच्छी व्यवस्था की जाएगी और देवराहा बाबा घाट पर सस्पेंशन पुल भी बनाए जाएंगे।
पार्किंग व्यवस्था 26,000 वर्ग मीटर में तैयार की जाएगी। साथ ही यात्री सुविधा केंद्र भी बनाया जाएगा। बांके बिहारी मंदिर का कॉरिडोर काफी भव्य और दिव्य बनाया जाएगा। इसमें परंपरा के साथ-साथ आधुनिकता भी होगी। मंदिर के बाहर एक बड़ा फव्वारा भी स्थापित किया जाएगा और उसके ओर बगीचे भी होंगे। कॉरिडोर के निर्माण में उन्ही पत्थरों का उपयोग किया जाएगा, जिससे वृंदावन का मंदिर बना है।
बांके बिहारी कॉरिडोर के निर्माण को इलाहाबाद हाई कोर्ट से मंजूरी मिलने पर स्थानीय बीजेपी सांसद हेमा मालिनी ने कहा, ”हम बहुत खुश हैं। कॉरिडोर बनेगा और रास्ता साफ हो जाएगा। भक्त आराम से दर्शन कर सकेंगे। सभी को लाभ पहुंचाने के लिए यह हो रहा है।”