केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सिलक्यारा का दौरा किया। दोनों नेताओं ने रेस्क्यू ऑपरेशन की स्थिति का जायजा लिया। टनल में 41 लोग फंसे हुए हैं और उन्हें बाहर निकालने की कोशिश की जा रही है।
नितिन गडकरी ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार रेस्क्यू ऑपरेशन में हर संभव मदद कर रही है और विशेषज्ञों की सलाह भी ली जा रही है। नितिन गडकरी ने कहा 41 लोगों की जान बचाने के लिए 6 प्लान पर काम किया जा रहा है। रेस्क्यू ऑपरेशन के तहत 42 मीटर तक 4 इंच का पाइप अंदर भेजा जा चुका है।
इस बीच आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा ने कहा, “हम ऑगर मशीन की मदद से 900 मिमी डायमीटर का पाइप डाल रहे हैं। हम 22 मीटर तक पहुंच गए हैं और हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। भोजन और अन्य आवश्यक सामान भेजने के लिए एक लाइफ लाइन पाइप है। हम हैं। इसके ऊपर एक और पाइप डाल रहे हैं क्योंकि वहां मलबा कम था। वहां हम 42 मीटर तक गए हैं और कुछ मीटर ही बचे हैं। जब वह तैयार हो जाएगा तो हमारे पास लाइफ सपोर्ट के लिए एक और पाइप होगा।
टनल में फंसे लोगों के लिए ड्राई फ्रूट पैकेट भेजे जा रहे हैं। पाइप के जरिए उन्हें खाना पहुंचाया जा रहा है। नितिन गडकरी ने कहा कि अमेरिका के अलावा स्विट्जरलैंड के विशेषज्ञों से भी बातचीत की जा रही है और रेस्क्यू ऑपरेशन सफल करने की कोशिश की जा रही है। इस बीच फंसे मजदूरों की सुरक्षा के लिए देश में प्रार्थनाएं की जा रही है।
प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे ने कहा कि पीएमओ के अधिकारियों और साइट पर विशेषज्ञों की एक टीम ने संयुक्त रूप से फंसे हुए श्रमिकों तक पहुंचने के लिए एक साथ पांच योजनाओं पर काम करने का फैसला किया। इन पांच योजनाओं में सिल्क्यारा और बरकोट दोनों किनारों के एक सिरे से दूसरे सिरे तक ड्रिलिंग, फिर ऊपर से ऊर्ध्वाधर ड्रिलिंग और लंबवत ड्रिलिंग शामिल है।