राजस्थान में 25 नवंबर को विधानसभा चुनाव के लिए वोट डाले जाएंगे। विधानसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस जैसी बड़ी पार्टियों के अलावा AAP, RLP, ASP और JJP दलों ने भी अपने प्रत्याशियों को मैदान में उतारा हुआ है। राजस्थान चुनाव को लेकर विशेष रूप से हरियाणा में एक्टिव पार्टी JJP काफी उत्साहित है, उसके नेताओं को उम्मीद है कि वो 3 दिसंबर को चुनाव परिणाम वाले दिन सभी को चौंका देंगे।
हरियाणा की ये पार्टी अपने गृह क्षेत्र से बाहर पहली बार 20 सीट पर चुनाव लड़ रही है। पार्टी के मुखिया अजय सिंह चौटाला जब इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) में थे, तब वह राजस्थान से दो बार विधायक चुने गए थे। साल 2018 में INLD में दो फाड़ हुए औऱ फिर JJP का गठन हुआ था। JJP राजस्थान चुनाव में जीत हासिल करने के लिए अपने नेता अजय सिंह चौटाला के अनुभव और मार्गदर्शन पर निर्भर है।
JJP पूर्व डिप्टी पीएम चौधरी देवीलाल की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने का दावा करती है। देवीलाल 1989 में सीकर से सांसद थे। पार्टी जिन 20 विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ रही है उनमें से तीन सीकर संसदीय क्षेत्र में हैं।
हरियाणा में JPP भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सहयोगी पार्टी है और वह राजस्थान विधानसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ना चाहती थी, लेकिन इसमें BJP के रुचि नहीं दिखाने के बाद उसने अकेले के दम पर उम्मीदवार उतारने का फैसला किया। हरियाणा में हाल के महीनों में BJP और JJP में मतभेद के संकेत मिल रहे हैं। BJP के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने अगले साल होने वाले लोकसभा, विधानसभा चुनाव अपने दम पर लड़ने की भी बात की है और एक वर्ग JJP से नाता तोड़ने के पक्ष में है।
दोनों दलों ने 2024 का लोकसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ने के प्रति कोई प्रतिबद्धता नहीं दिखाई है। JJP के महासचिव दिग्विजय चौटाला ने पार्टी के चुनाव चिह्न ‘चाबी’ का जिक्र करते हुए कहा कि पार्टी और अन्य क्षेत्रीय दलों की राजस्थान विधानसभा चुनाव में अहम भूमिका रहेगी। JJP की संभावनाओं पर उन्होंने कहा, “हम अच्छा प्रदर्शन करेंगे।”
दिग्विजय चौटाला ने कहा, “सभी क्षेत्रीय दलों को साथ आना होगा और परिणाम आने के बाद किसी प्रकार का गठबंधन करना होगा, हाथ मिलाना होगा।” दिग्विजय चौटाला, हरियाणा के उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला और अजय सिंह चौटाला दांता रामगढ़ और फतेहपुर सहित विभिन्न सीट के लिए चुनाव मैदान में उतरे पार्टी उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि वहां के लोग JJP द्वारा हरियाणा में किए गए कार्यों से वाकिफ हैं। इनमें किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए कदम उठाना, ग्रामीण क्षेत्रों में ई-लाइब्रेरी खोलना और विमानन तथा अन्य क्षेत्रों में उठाए गए कदम शामिल हैं। सत्ता में भागीदारी होने की सूरत में क्षेत्रीय पार्टियों की भूमिका को रेखांकित करते हुए दिग्विजय चौटाला ने कहा, “राजस्थान को देखें, खासकर दूरदराज के इलाकों में, शिक्षा, चिकित्सा संबंधी बुनियादी ढांचा और सड़कें खराब हालत में हैं। बड़े दल जीतते हैं, लेकिन उनका ध्यान बड़े शहरों और कस्बों तक सीमित रहता है। जीत के बाद ये क्षेत्र उपेक्षित रह जाते हैं।”
राजस्थान में BJP के साथ कोई साझेदारी नहीं बन पाने के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “BJP की राजस्थान इकाई JJP की वास्तविक ताकत को नहीं समझ सकी। वे हमें एक नई पार्टी मान रहे थे लेकिन वे यह नहीं समझे कि इस पार्टी का जन्म चौधरी देवीलालजी की विचारधारा से हुआ है।” उन्होंने कांग्रेस पर विधानसभा चुनाव से पहले झूठे वादे करने का भी आरोप लगाया और कहा कि लोग कांग्रेस की ‘‘गारंटी’’ के झांसे में नहीं आएंगे। (इनपुट – भाषा)