S Venkitaramanan: भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर एस वेंकटरमणन का शनिवार को निधन हो गया। वो 92 साल के थे। एस वेंकटरमणन आरबीआई के 18वें गवर्नर रहे, उन्हें देश को 1990 के दशक के शुरुआती सालों में देश को करेंसी संकट से निकालने का श्रेय दिया जाता है। इससे पहले वह 1985 से 1989 तक वित्त मंत्रालय में वित्त सचिव थे। उनके परिवार में उनकी दो बेटियां गिरिजा और सुधा हैं।
एस वेंकटरमणन भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी रहे। उन्हें दिसंबर 1990 में रिजर्व बैंक का गवर्नर बनाया गया था। उन्होंने दिसंबर 1992 तक रिजर्व बैंक के गवर्नर का पद संभाला। उनके कार्यकाल के दो सालों के दौरान देश ने लगातार संकटों का सामना किया था। उनके कार्यकाल के दौरान ही बैलेंस ऑफ पेमेंट ट्रांसफर संकट सामने आया था, जिसे करेंसी संकट के नाम से भी जाना जाता है। देश को बीओपी संकट से निकालने का श्रेय उन्हें ही दिया जाता है।
एस वेंकटरमणन के दो साल के कार्यकाल के दौरान आर्थिक मोर्चे पर तेजी से बदलाव हो रहे थे। उन्हें ऐसे समय सेंट्रल बैंक की जिम्मेदारी मिली थी, जब देश आर्थिक उदारीकरण के दौर से गुजर रहा था। सबसे पहले उनका सामना बीओपी संकट से हुआ, फिर आर्थिक सुधारों का दौर शुरू हुआ। शेयर बाजार का चर्चित हर्षद मेहता स्कैम भी उनके ही कार्यकाल के दौरान सामने आया। एस वेंकटरमणन ने त्वरित निर्णय लेने की अपनी क्षमता से सभी संकटों का सामना किया और देश व सेंट्रल बैंक को उन संकटों से बाहर निकाला।
वेंकटरमणन को तत्कालीन चंद्र शेखर सरकार के दौरान रिजर्व बैंक का गवर्नर बनाया गया था। वह भारतीय रिजर्व बैंक के 18वें गवर्नर थे। उनके पास अर्थशास्त्री की योग्यताएं नहीं थीं, फिर भी उन्हें रिजर्व बैंक की जिम्मेदारी दी गई थी, क्योंकि वह उस बैलेंस ऑफ पेमेंट ट्रांसफर क्राइसिस से अवगत थे, जिसने देश के विदेशी मुद्रा भंडार को लगभग समाप्त कर दिया था।
रिजर्व बैंक का गवर्नर बनने से पहले वह वित्त सचिव रहे। उन्होंने 1985 से 1989 के दौरान वित्त मंत्रालय में वित्त सचिव की जिम्मेदारी संभाली थी। रिटायर होने के बाद भी वह अलग-अलग भूमिकाओं में सक्रिय थे। वह अशोक लीलैंड इन्वेस्टमेंट सर्विसेज, न्यू त्रिपुरा एरिया डेवलपमेंट कॉरपोरेशन और अशोक लीलैंड फाइनेंस के चेयरमैन रहे थे। वह रिलायंस इंडस्ट्रीज, एसपीआईसी, पिरामल हेल्थकेयर, तमिलनाडु वाटर इन्वेस्टमेंट कंपनी और एचडीएफसी जैसी कंपनियों के बोर्ड का भी हिस्सा रहे थे।