Gyanvapi Case Verdict: उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित ज्ञानवापी परिसर के सर्वे का काम पूरा हो चुका है। कोर्ट ने सर्वे के काम को पूरा करने के लिए 17 नवंबर तक का समय दिया है। शुक्रवार (आज) दोपहर 2.30 बजे जिला अदालत में इस मामले की सुनवाई होनी है। इससे पहले भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण टीम (एएसआई) ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वेक्षण पर अपनी रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कोर्ट से 15 दिन का समय मांगा है। ASI की ओर से जिला जज की अदालत में एक अर्जी दाखिल की गई है।
ज्ञानवापी मामले में 5 महिलाओं ने शृंगार गौरी समेत अन्य विग्रहों के पूजा अधिकार की मांग को लेकर कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। याचिकाकर्ताओं की ओर से कोर्ट में कहा गया कि यहां कई हिंदू देवी-देवता विराजमान हैं जिन्हें मलबे से ढक दिया गया है। इसी याचिका की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने ज्ञानवापी परिसर का सर्वे कराने का आदेश दिया था। कोर्ट कमीशन के सर्वे में यहां वुजुखाने में एक आकृति मिली जिसे हिंदू पक्ष ने शिवलिंग बताया। हालांकि मुस्लिम पक्ष ने इस आकृति को फव्वारा बताया। इसके बाद मामला हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया।
एएसआई की ओर से सर्वे की रिपोर्ट कोर्ट को सीलबंद लिफाफे में सौंपी जाएगी। कोर्ट से इस रिपोर्ट की कॉपी हिंदू और मुस्लिम पक्ष हासिल कर सकेंगे। बता दें कि ज्ञानवापी में सर्वे का काम कई बाद रोका गया और उसकी तिथि को आगे बढ़ाया गया। वाराणसी के जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने 21 जुलाई को ज्ञानवापी मस्जिद के सील वजूखाने को छोड़कर बाकी सभी हिस्से और तहखानों का सर्वे करने का आदेश एएसआई को दिया था।
एएसआई ने सर्वे के लिए देशभर के विशेषज्ञों को टीम में शामिल किया। इसके लिए आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल भी किया गया। एएसआई की टीम में डिप्टी डायरेक्टर डॉ. आलोक कुमार त्रिपाठी के नेतृत्व में सारनाथ, प्रयागराज, पटना, कोलकाता और दिल्ली के पुरातत्व विशेषज्ञों ने सर्वे का काम किया। ज्ञानवापी में जीपीआर तकनीक से अध्ययन के लिए हैदराबाद से विशेषज्ञों का दल आया था।