गुरुवार को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। दोनों की इस मुलाकात में रूस – युक्रेन युद्ध का भी जिक्र हुआ। शी जिनपिंग से मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत में जो बाइडेन ने बताया कि चीनी राष्ट्रपति और उन्होंने कई रिजनल और ग्लोबल विषयों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। बातचीत के दौरान उन्होंने रूस द्वारा युक्रेन के खिलाफ युद्ध रोकने से इनकार करने और गाजा में चल रहे संघर्ष की भी चर्चा की।
उन्होंने आगे कहा, “मैंने उन क्षेत्रों के बारे में भी बात की, जहां अमेरिका चीन के एक्शन को लेकर चिंतित है। इसमें हिरासत में लिए गए और बाहर निकाले गए, प्रतिबंधित अमेरिकी नागरिकों, मानवाधिकारों और दक्षिण चीन सागर में जबरदस्ती की गतिविधियां शामिल हैं। हमने उन तीनों चीजों पर चर्चा की।”
अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह भी बताया कि बातचीत के दौरान उन्होंने शी जिनपिंग को उन लोगों के नाम भी दिए, जो अमेरिका को लगता है कि हिरासत में लिए गए हैं। उन्होंने कहा, “हमें उम्मीद है कि हम उन्हें रिहा भी करा सकेंगे…इस पर कोई एग्रीमेंट नहीं होगा।”
दोनों राष्ट्राध्यक्षों की मीटिंग के बाद व्हाइट हाउस रीडआउट में कहा गया कि राष्ट्रपति जो बाइडेन ने शी जिनपिंग के साथ लगभग चार घंटे लंबी चली बातचीत में शिनजियांग, तिब्बत और हांगकांग में चीन द्वारा किए जा रहे मानवाधिकारों हनन पर भी चिंता जताई।
अमेरिका राष्ट्रपति ने बताया कि उन्होंने ताइवान स्ट्रेट में शांति और स्थितरता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “मैंने ताइवान स्ट्रेट्स में शांति और स्थिरता के महत्व पर भी जोर दिया। यह स्पष्ट है कि हम बीजिंग की नॉन मार्केट इकॉनोमिक प्रैक्टिस पर आपत्ति जताते हैं, जो अमेरिकी बिजनेस और वर्कर्स को नुकसान पहुंचाती हैं। हम इसके समाधान के लिए काम करते रहेंगे।”
इस दौरान जो बाइडेन ने चीन के साथ सीधे मिलिट्री टू मिलिट्री कॉन्टेक्ट्स की फिर से स्थापना की पुष्टि की है। उन्होंने संभावित गलत अनुमानों से बचने के लिए कम्युनिकेशन के ओपन और क्लियर चैनल बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया। जो बाइडेन ने कहा, “राष्ट्रपति शी जिनपिंग और मैंने अपनी टीमों को एक पॉलिसी और लॉ एनफोर्समेंट कॉर्डिनेशन बनाए रखने का काम दिया है, जिससे यह तय किया जा सके कि काम आगे बढ़े।”