देश की राजधानी नई दिल्ली में प्रदूषण जानलेवा स्तर पर पहुंच चुका है, बावजूद इसके बड़ी संख्या में लोग ऐसे हैं, जो अपने वाहनों के प्रदूषण के स्तर की जांच नहीं करवा रहे हैं। यही कारण है कि ऐसे वाहन चालकों के खिलाफ दिल्ली यातायात पुलिस पिछले कई दिनों से लगातार एक्शन ले रही है। आंकड़ों पर नजर डालें तो बड़े स्तर पर बिना वैद्य प्रदूषण प्रमाण पत्र (पीयूसीसी) के वाहन चालक सड़कों पर फर्राटा भरते हुए यातायात पुलिस को मिल रहे हैं।
यातायात पुलिस की ओर से बुधवार को बताया गया कि तीन से 14 नवंबर तक कुल 15,327 वाहन चालक बिना पीयूसीसी के मिले, जिनका पुलिस ने चालान काटा। इसके साथ ही इस दौरान कुल 107 वाहनों को जब्त किया गया।
आंकड़ों पर नजर डालें तो 10-15 साल पुराने डीजल-पेट्रोल के 31 वाहनों को जब्त किया गया और 38 चालान जारी किए गए हैं। वहीं, बिना कवर किए निर्माण व कचरा ले जाने वाले वाहनों के लिए 19 चालान काटे गए। अनुचित (नो पार्किंग) पार्किंग के लिए 13,091 चालान काटे गए। साथ ही सात वाहनों को जब्त कर लिया गया है।
अनुचित पार्किंग के लिए 18,276 वाहनों का चालान काटा गया। साथ ही 4,273 वाहनों को क्रेन का उपयोग करके हटा दिया गया है। उल्टी दिशा (रांग साइड) वाहन चलाने के लिए 1,360 चालान काटे गए और चार वाहनों को जब्त किया गया है। प्रतिबंध समय और ‘नो-एंट्री’ नियमों का उल्लंघन करने के लिए 28 वाहनों को जब्त किया गया और 9,233 चालान काटे गए।
इसी प्रकार आंकड़ों पर नजर डालें तो दिल्ली सरकार के बीएस-3 वाहनों के दिल्ली में प्रवेश पर लगे प्रतिबंध के बाद वाहनों के चालान में 34 फीसद की वृद्धि हुई है। पुलिस ने 128 की तुलना में 183 चालान काटे। वहीं, बीएस-4 वाहनों के चालान में भी करीब 42 फीसद की बढ़ोत्तरी हुई है।
यातायात पुलिस ने सदर बाजार, खजूरी और कोतवाली में में बिना वैध पीयूसीसी सबसे अधिक चालान काटे। पंजाबी बाग, राजौरी गार्डन और तिलक नगर में अनुचित पार्किंग बड़े पैमाने पर देखी गई। भजनपुरा, कोतवाली और संगम विहार के इलाकों में उल्टी दिशा में वाहन चालने वाले सबसे अधिक मिली। वहीं, कोतवाली, नजफगढ़ और हौज खास में ‘नो एंट्री’ करने पर वाहनों का सबसे अधिक चालान काटा गया।