Biden Meets Jinping: अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीन के राष्ट्रपति सी जिनपिंग के बीच मुलाकात होगी। दोनों नेता एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (APEC) फोरम की बैठक के बीच आपस में मिलेंगे। इससे दोनों देशों के रिश्तों में आए तनाव को लेकर चर्चा होने की उम्मीद है। एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग शिखर सम्मेलन की मेजबानी अमेरिका 11 से 17 नवंबर तक सैन फ्रांसिस्को में कर रहा है।
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग दुनिया की दो सबसे बड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं में बिगड़े रिश्तों के बीच बुधवार को अपने अमेरिकी समकक्ष जो बाइडेन के साथ “अत्यंत महत्वपूर्ण बैठक” के लिए मंगलवार को अमेरिका के लिए रवाना हुए।
दोनों नेताओं की एक साल के भीतर यह दूसरी बार आमने-सामने की मुलाकात होगी। दोनों पिछले साल 14 नवंबर को इंडोनेशिया के बाली में जी20 शिखर-सम्मेलन से इतर व्यक्तिगत रूप से मिले थे। चीन ने कहा है कि शी और बाइडन चीन-अमेरिका के संबंधों को आकार देने में रणनीतिक और बुनियादी महत्व वाले मुद्दों पर तथा वैश्विक शांति एवं विकास से जुड़े प्रमुख विषयों पर विस्तार से चर्चा करेंगे।
चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने मंगलवार को मीडिया ब्रीफिंग में कहा, ‘‘यह अत्यंत महत्व वाली बैठक होगी।’’ शी के साथ एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल जा रहा है। वह चीन-अमेरिका शिखर-सम्मेलन में और अमेरिका में एपीईसी आर्थिक नेताओं की 30वीं बैठक में भी भाग लेंगे। दोनों देशों द्वारा विस्तृत तैयारियों के बाद शिखर-सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। इनमें अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और चीन के विदेश मंत्री वांग यी की बातचीत शामिल है।
माओ ने कहा कि अमेरिका के साथ अपने संबंधों को चीन परस्पर सम्मान, शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व और दोनों पक्षों के लिए संतोषप्रद सहयोग के तीन सिद्धांतों के अनुरूप देखता है। उन्होंने कहा, ‘‘चीन प्रतिस्पर्धा से नहीं डरता, लेकिन हम इस बात से सहमत नहीं हैं कि चीन-अमेरिका संबंध प्रतिस्पर्धा से परिभाषित होने चाहिए।’’
प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका को चीन के हितों को लेकर अपनी चिंताओं पर जोर देने के बजाय उसकी चिंताओं का और विकास के वैध अधिकार का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘चीन नहीं चाहता कि अमेरिका बदले और ना ही अमेरिका को चीन को बदलने का प्रयास करना चाहिए।’’ माओ ने कहा कि चीन को उम्मीद है कि अमेरिका उसके साथ नया शीत युद्ध नहीं चाहने और स्थिर विकास के लिए द्विपक्षीय संबंधों को पटरी पर लाने के लिए चीन के साथ काम करने की अपनी प्रतिबद्धता पर अमल करेगा। ताइवान के मुद्दे पर अमेरिका के रुख को लेकर विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा, ‘‘ताइवान का सवाल चीन का आंतरिक मामला है और इसे सुलझाना चीन के लिए ऐसा विषय है जिसमें किसी विदेशी हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है।’’