इजरायल और फिलिस्तीन के बीच युद्ध का असर कोलकाता में भी देखने को मिल रहा है। युद्ध के कारण महानगर के यहूदी उपासना स्थलों (सिनेगॉग) की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। कोलकाता में यहूदियों के 3 धार्मिक स्थल बड़ा बाजार में हैं, जहां पिछले कुछ दिनों से ताला लटका हुआ है। यूं तो कोलकाता में यहूदी परिवारों की संख्या काफी कम है, लेकिन इजरायल और फिलिस्तीन के बीच युद्ध को देखते हुए वे किसी प्रकार का खतरा नहीं मोल लेना चाहते हैं।
सूत्रों के मुताबिक हाल में यहूदियों की ओर से उनके उपासना स्थल की सुरक्षा बढ़ाए जाने की अपील के साथ कोलकाता पुलिस को पत्र दिया गया था, जिसके बाद सुरक्षा बढ़ा दी गई है। बताया गया कि बड़ा बाजार में तीन उपासना स्थल हैं। ऐसे में प्रत्येक शनिवार को यहां के उपासना स्थल में आकर यहूदी प्रार्थना करते हैं। वहीं दूसरे समय में यह उपासना स्थल बंद रहते हैं।
इजरायल-फिलिस्तीन युद्ध के कारण कोलकाता में रह रहे मुसलमानों व यहूदियों के आपसी संबंध बिगड़ने की आशंका को देखते हुए यह कदम उठाया गया है। बड़ा बाजार में एक उपासना स्थल के कर्मचारी ने बताया कि युद्ध शुरू होने के बाद ही उपासना स्थल को दूसरे धर्म के लोगों के लिए बंद कर दिया गया है। इन तीनों सिनागाग के अधिकांश कर्मचारी मुसलिम समुदाय के हैं और वहीं बने क्वार्टरों में रहते हैं। बड़ा बाजार के ये सिनागाग सदियों पुराने हैं।
पोलाक स्ट्रीट में दो उपासना स्थल हैं, जबकि एक चीना बाजार में है। एक उपासना स्थल के सुरक्षा कर्मी ने बताया- यहां रोज पुलिस आती है। सुना है कि लालबाजार ने निर्देश दिया है कि यह चर्च अभी नहीं खोला जा सकता। पुलिस के कहने पर ही इसे खोला जाएगा। प्रार्थना को लेकर उन्होंने कहा कि प्रार्थना करने का एक समय तय है, जिस समय यहूदी यहां आते हैं। उस समय ही कुछ देर के लिए दरवाजा खोला जाता है, उसके बाद फिर बंद कर दिया जाता है।
कोलकाता के प्राचीन धार्मिक स्थल ‘मेगन डेविड’ धार्मिक स्थल का प्रवेश द्वार भी बंद था। यहां एक महिला ने कहा कि गेट कब खुलेगा, वह नहीं जानतीं। एक कर्मचारी ने कहा- केवल मात्र विदेश से किसी यहूदी पर्यटक के आने पर ही ताला खोलने का नियम है।