दिल्ली वालों का एयर पॉल्यूशन से बुरा हाल है। दिवाली के दो दिन बाद मंगलवार को दिल्ली में कई इलाकों में वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में दर्ज की गई है। दिवाली पर सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बावजूद दिल्लीवासियों ने जमकर आतिशबाजी की और उसका असर वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) पर साफ़ दिख रहा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CCB) के अनुसार पूरे शहर में जहरीली धुंध छाई हुई है और अधिकांश क्षेत्रों में ‘गंभीर’ श्रेणी का AQI दर्ज किया गया है।
SAFR के अपडेट के अनुसार सुबह 6 बजे बवाना में AQI 434, द्वारका सेक्टर 8 में 404, ITO में 430, मुंडका में 418, नरेला में 418, ओखला में 402 और रोहिणी और आरके पुरम दोनों में 417 था।
SAFAR के आंकड़ों से यह भी पता चला है कि मंगलवार की सुबह राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता ‘गंभीर’ श्रेणी में थी। शून्य और 50 के बीच AQI को ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बहुत खराब’, 401 और 450 के बीच ‘गंभीर’ और 450 से ऊपर अत्यंत गंभीर माना जाता है। दिवाली से ठीक पहले हुई बारिश के बाद दिल्ली में हवा कुछ सही हुई थी। लेकिन दिवाली के बाद ये फिर से ख़राब हो गई है।
दिल्ली के अलावा उत्तर प्रदेश के कई अन्य जिलों में भी वायु प्रदूषण के स्तर में भारी वृद्धि देखी गई और AQI में वृद्धि देखी गई। नोएडा में AQI 174 अंक बढ़ा जबकि गाजियाबाद में दिवाली के अगले दिन AQI स्तर में 143 अंक की बढ़ोतरी देखी गई। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UPPCB) के अनुसार दिवाली पर लखनऊ के छह निगरानी स्टेशनों ने वायु प्रदूषण का स्तर अधिक पाया।
दिल्ली के डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल के अधिकारियों ने प्रदूषण से संबंधित बीमारियों के लिए एक विशेष ओपीडी स्थापित करने का निर्णय लिया है। आरएमएल अस्पताल के निदेशक डॉ. अजय शुक्ला ने कहा, “हमने तय किया है कि प्रदूषण से संबंधित बीमारियों के लिए एक विशेष ओपीडी चलाई जाएगी जहां मरीजों को व्यापक देखभाल की जा सकेगी और इसमें एक बहु-विभागीय क्लिनिक भी शामिल होगा। ऐसा इसलिए क्योंकि प्रदूषण कई अंगों को प्रभावित करता है।”