उत्तर प्रदेश के कैराना की रहने वाली 35 वर्षीय सलमा खातून अपने पाकिस्तानी नागरिक बेटे को पालने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है। यह कहानी 2008 से शुरू होती है जब सलमा की शादी पाकिस्तान के रावलपिंडी में रहने वाले शाहबाज अली से हुई थी। यह रिश्ता सलमा खातून की मौसी के कहने पर करवाया गया था। शादी के चंद दिन बाद ही दोनों के बीच मनमुटाव हुआ और सलमा खातून परेशानी का सामना करने पर मजबूर हो गई। सलमा खातून कहती हैं कि शाहबाज अली 2011 में उन्हें और उनके बेटे अब्दुल राफे को पाकिस्तान छोड़कर दक्षिण अफ्रीका चला गया था, जिसके बाद उन्हें उनके ससुराल के लोगो ने भी बाहर का रास्ता दिखा दिया।
सलमा भारतीय नागरिक हैं जबकि उनका बेटा पाकिस्तानी नागरिक है। अपनी चाची की कुछ मदद से सलमा 2013 में अपने बेटे के साथ भारत लौट आईं। दो साल तक उन्होंने घर चलाने के लिए कैराना में बर्तन धोकर अपने बच्चे को पाला।
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक सलमा को अब अपने बेटे के साथ फिर से पाकिस्तान जाना होगा क्योंकि एक नागरिक के लिए अपनी आईडी को रिन्यू कराना जरूरी होता है। चूंकि अब्दुल अभी नाबालिग है, इसलिए उसे भारतीय नागरिकता नहीं मिल सकती, हालांकि वह जानती है कि 18 साल की उम्र होने के बाद भी भारतीय नागरिकता हासिल करना एक चुनौतीपूर्ण काम होगा। अब्दुल एक अंग्रेजी माध्यम स्कूल में पढ़ता है और एक आईएएस अधिकारी बनना चाहता है। अब्दुल ने कहता है, “मैं अपनी मां को खुश रखने के लिए कड़ी मेहनत करता हूं और जब मैं बड़ा हो जाऊंगा तो उनका सहारा बनूंगा।”
स्थानीय खुफिया इकाई (एलआईयू) के एक अधिकारी ने कहा, “सलमा अपने बेटे के लिए भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन कर सकती है, लेकिन उसे यह तभी मिलेगी जब वह 18 साल का हो जाएगा।” अधिकारी ने आगे कहा, “वह यहां अपने बच्चे के साथ रह रही है और सभी नियमों का पालन कर रही है, हालांकि उसे अपने बेटे के दस्तावेजों को रीन्यू करने के लिए पाकिस्तान जाना होगा। वह भारत में संबंधित कार्यालयों के भी संपर्क में रहती हैं।