भारत ने ब्रिटेन से उन संदिग्धों के खिलाफ सबूत मांगे हैं जो 19 मार्च को खालिस्तान समर्थक प्रदर्शन के दौरान लंदन में भारतीय उच्चायोग में हुई हिंसा में शामिल थे। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने पारस्परिक कानूनी सहायता संधि (Mutual Legal Assistance Treaty- MLAT) के तहत ये अनुरोध किया है। इसके अलावा एनआईए ने एक अलग प्रस्ताव तैयार किया है, जिसमें 2 जुलाई को सैन फ्रांसिस्को में भारतीय वाणिज्य दूतावास को निशाना बनाने वालों का अमेरिका से विवरण मांगा गया है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि यूके का दौरा करने और कई सबूत इकट्ठा करने के बाद एनआईए को 19 मार्च की हिंसा के बारे में कुछ महत्वपूर्ण सुराग मिले। एक सूत्र ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “मामले से संबंधित अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए MLAT के तहत 24 प्रश्नों का एक सेट भेजा गया है जिसमें विरोध प्रदर्शन, विरोध के आयोजकों, उनकी साख, उनकी अनुमति के बारे में पूछा गया है।”
अप्रैल में गृह मंत्रालय ने एनआईए को लंदन विरोध प्रदर्शन के संबंध में एक नया मामला दर्ज करने का निर्देश दिया था। इसमें प्रारंभिक जांच में पाकिस्तान की आईएसआई से जुड़े आतंकी लिंक की ओर इशारा किया गया था। गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस (यूएपीए के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी) को जांच एनआईए को सौंपने का भी निर्देश दिया था।
मई में एनआईए की एक टीम ने यूके का दौरा किया और सीसीटीवी फुटेज सहित महत्वपूर्ण सबूत इकठ्ठा किए। भारत लौटने के कुछ दिनों बाद टीम ने हिंसा के पांच वीडियो जारी किए और आम जनता से उन संदिग्धों की पहचान करने में मदद करने के लिए कहा जिन्होंने उच्चायोग में तोड़फोड़ करने की कोशिश की थी। सूत्रों ने कहा कि एजेंसी को जवाब में 1,050 से अधिक कॉल प्राप्त हुईं थी।
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (R&AW) ने भी संदिग्धों की पहचान करने में एनआईए जांच टीम की मदद की। एक अधिकारी ने कहा, “एनआईए ने 15 हमलावरों की पहचान की है और उनमें से कुछ के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर जारी किया है।” उच्चायोग में सहायक कार्मिक और कल्याण अधिकारी शिकायतकर्ता किरण कुमार वसंत भोसले ने एफआईआर में तीन व्यक्तियों (अवतार सिंह उर्फ खांडा, गुरचरण सिंह और जसवीर सिंह) के नाम दर्ज करवाए हैं। एक अधिकारी ने कहा कि अवतार सिंह उर्फ खांडा की जून में बर्मिंघम में मृत्यु हो गई।
एनआईए ने वारिस पंजाब डे के प्रमुख अमृतपाल सिंह और उसके 9 सहयोगियों से ब्रिटेन की घटना के संबंध में असम की डिब्रूगढ़ जेल में पूछताछ की जब यह पाया गया कि वो खांडा के संपर्क में था। इस बीच सैन फ्रांसिस्को में विरोध प्रदर्शन के सिलसिले में एनआईए की एक टीम ने अगस्त में अमेरिका का दौरा किया था। एक अधिकारी ने कहा, “हमने सीसीटीवी फुटेज की मदद से कुछ हमलावरों की पहचान की है और उनमें से कुछ के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर खोला है। हम एमएलएटी के लिए प्रश्न तैयार कर रहे हैं।”