उत्तराखंड के उत्तरकाशी में रविवार को हुए सुरंग हादसे में फंसे मजदूर फिलहाल सुरक्षित है। उनको सुरक्षित निकालने के लिए बचाव कार्य का काम लगातार किया जा रहा है। सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मौके पर जाकर बचाव एवं राहत कार्यों का निरीक्षण किया और संबंधित अधिकारियों से जानकारी ली। फिलहाल श्रमिकों के पास कंप्रेशर के जरिए खाना-पानी भेजा गया। वहां बिजली की सप्लाई भी लगातार की जा रही है। मुख्यमंत्री ने मीडिया को बताया कि श्रमिकों को सुरक्षित निकालने के लिए तीन प्लान पर काम चल रहा है।
उत्तरकाशी जिले में ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा रविवार की सुबह अचानक ढह गया था जिससे उसमें 40 श्रमिक फंस गए थे। सुरंग का ढहने वाला हिस्सा उसके मुहाने से करीब 200 मीटर दूर है।
सुरंग का निर्माण कर रही नवयुग इंजीनियरिंग लिमिटेड के अनुसार सुरंग में फंसे मजदूर बिहार, पश्चिम बंगाल, झारखंड, ओडिशा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के हैं और पिछले काफी समय से यहां काम कर रहे हैं। हादसे से पहले ये लोग त्योहार मनाने के लिए घर जाने की तैयारी कर रहे थे।
राज्य आपदा परिचालन केंद्र (State Disaster Operation Center) में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, ”उत्तरकाशी-यमनोत्री मार्ग पर स्थित सिल्क्यारा सुरंग के अंदर चालीस लोग फंसे हुए हैं। लोगों को भोजन और पानी के साथ ऑक्सीजन लगातार मुहैया कराई जा रही है। सभी लोग अंदर हैं… उनसे संपर्क स्थापित हो गया है। वे सभी सुरक्षित हैं और मैं फंसे हुए लोगों के परिवार के सभी सदस्यों को आश्वासन देता हूं कि उन्हें जल्द ही सुरंग से बाहर निकाल लिया जाएगा… टीमें मौके पर मौजूद हैं और बचाव कार्य कर रही हैं। काम चल रहा है…।”
बचाव कर्मी रात भर मलबा हटाने के काम में जुटे रहे। सिलक्यारा में बनाए गए पुलिस नियंत्रण कक्ष से मिली जानकारी के अनुसार, वॉकी-टॉकी के जरिए सुरंग में फंसे लोगों से संपर्क हुआ है और सभी सुरक्षित हैं। नियंत्रण कक्ष के अनुसार, अंदर फंसे लोगों द्वारा खाने की मांग की गई है और उन्हें पाइप के जरिए खाने के पैकेट भेजे जा रहे हैं।
श्रमिक फिलहाल 60 मीटर दूर हैं। सुरंग में पानी के लिए बिछी पाइपलाइन के जरिए ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है। इसी पाइपलाइन के जरिए कंप्रेसर की मदद से दबाव बनाकर श्रमिकों तक खाने के पैकेट भेजे जा रहे हैं।