उत्तराखंड के उत्तरकाशी में ब्रह्मखाल-यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिलक्यारा से डंडालगांव के बीच निर्माणाधीन सुरंग टूट जाने के बाद 40 मजदूर सुरंग के भीतर फंसे हुए हैं। ताजा जानकारी के मुताबिक मजदूरों तक ऑक्सीजन पहुंचाया जा रहा है। राज्य आपदा प्रतिक्रिया अधिकारी दुर्गेश राठौड़ी ने मीडिया को बताया,“लगभग 40 से 41 कर्मचारी अंदर फंसे हुए हैं। ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है, लेकिन मलबा नीचे आ रहा है जिससे परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
दुर्गेश राठौड़ी ने कहा कि फंसे हुए मजदूरों को एक ट्यूब के माध्यम से एक संदेश भेजा गया था और उन्हें आश्वासन दिया कि उनकी सुरक्षा के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने एएफपी को बताया, ”अंदर से अभी तक संदेश का कोई जवाब नहीं आया है.” उन्होंने कहा कि ऊपर से और मलबा नीचे आ रहा है क्योंकि मशीनें लगातार मलबा हटा रही हैं।” हादसा सुबह करीब 4 बजे हुआ जब साढ़े चार किलोमीटर लंबी सुरंग का 150 मीटर लंबा हिस्सा ढह गया।
#WATCH | Uttarakhand | Relief and rescue work going on war footing in Silkyara Tunnel located on Uttarkashi-Yamnotri road. 36 people are trapped inside the tunnel since this morning due to a part of the tunnel breaking and debris falling. pic.twitter.com/RHAf9MBXi1
राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल, अग्निशमन विभाग की टीमों और राष्ट्रीय राजमार्ग और बुनियादी ढांचा विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) के कर्मचारियों को बचाव कार्यों में लगाया गया है। एसडीआरएफ मीडिया प्रभारी ललिता नेगी ने कहा, “हमारा बचाव अभियान युद्ध स्तर पर है। हमें सुबह 9.15 बजे के आसपास सूचना मिली कि उत्तरकाशी में सिल्क्यारा से डंडालगांव तक राष्ट्रीय राजमार्ग पर सुरंग का एक हिस्सा ढह गया है। हमने स्थानीय चौकियों से अपनी टीमें भेजीं। पीटीआई के अनुसार, कमांडिंग ऑफिसर नमन नरूला और सहायक कमांडेंट जाधव वैभव के नेतृत्व में सीमा सड़क संगठन और आईटीबीपी की टीमों को भी बाद में बचाव प्रयासों में सहायता के लिए शामिल किया गया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उन्होंने जिला मजिस्ट्रेट को बचाव कार्य तेज करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात की जिन्होंने घटना और बचाव प्रयासों के संबंध में विस्तृत जानकारी मांगी है।