Tunnel Collapse In Uttarakhand: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में निर्माणाधीण टनल का एक हिस्सा टूट गया। इस हादसे में 36 लोगों के फंसे होने की आशंका है। उत्तरकाशी जिले के डीएम और एसपी मौके पर मौजूद हैं। राहत कार्य के लिए एसडीआरएफ, पुलिस और राजस्व टीमें भी मौके पर मौजूद हैं। अभी तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है।
एसडीआरएफ की तरफ से जानकारी दी गई है कि जिला नियंत्रण कक्ष उत्तरकाशी से सूचना प्राप्त हुई कि ढही सुरंग में 36 लोगों के फंसे होने की आशंका है। सूचना पर सेनानायक एसडीआरएफ मणिकांत मिश्रा ने तत्काल निरीक्षक जगदंबा विजल्वाण के नेतृत्व में एसडीआरएफ की बचाव टीमों को आवश्यक बचाव उपकरणों के साथ मौके पर रवाना होने के निर्देश दिये। एसडीआरएफ मौके पर पहुंचकर अन्य बचाव इकाइयों के साथ समन्वय बनाकर युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव कार्य कर रही है।
NHDCL के पूर्व प्रबंधक ने बताया कि ब्रहम्खाल-पोलगांव निर्माणाधीन रोड टनल जो सिलक्यार से लगभग 2340 मीटर निर्माण की गयी है के सिलक्यार की तरफ से टनल के 270 मीटर भाग के पास 30 मीटर क्षेत्र में मलवा आने के कारण टनल के अन्दर की ओर लगभग 35-40 मजदूर फंसे हैं। रात्रि शिफ्ट वाले श्रमिक टनल से बाहर आ रहे थे, अगली शिफ्ट वाले भीतर जा रहे थे। टनल के मुख्य द्वार से करीब 300 मीटर दूरी पर ऊपरी हिस्से से मलबा आने से टनल बंद हो गयी। यहां से करीब 2700 मीटर भीतर 40 से 50 मजदूर काम कर रहे थे।
कार्यस्थल तक ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए डाली गई लाइन भी मलबे से ध्वस्त हो गयी। हालांकि परियोजना के अधिकारी भीतर पर्याप्त मात्रा में पानी और ऑक्सीजन उपलब्ध होने का दावा कर रहे हैं। फंसे मजदूरों को बाहर निकालने का एकमात्र विकल्प टनल से मलबा हटाना ही है। बताया जा रहा है कि जितना मलबा हटाया जा रहा है, उससे अधिक मलबा टनल के ऊपरी तरफ से आ जा रहा है। जिस जगह टनल में ऊपरी तरफ से मलबा आ रहा है, वहां कठोर चट्टान (हार्ड रॉक) नहीं है।
इस प्रोजेक्ट की यह सबसे लंबी (साढ़े चार किलोमीटर ) डबल लेन सड़क सुरंग है। इसका करीब चार किलोमीटर निर्माण हो गया है। सुरंग के निर्माण में मजदूर दिन-रात जुटे रहते हैं। फरवरी 2024 तक इसकी खोदाई पूरी करने का लक्ष्य है। यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिलक्यारा और जंगल चट्टी के बीच 4.5 किलोमीटर लंबी इस अत्याधुनिक सुरंग के निर्माण से गंगोत्री और यमुनोत्री के बीच की दूरी 26 किमी कम हो जाएगी। यह सुरंग करीब 853 करोड़ की लागत से बन रही है। राजमार्ग और अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआइडीसीएल) की देखरेख में डबल लेन सुरंग देश की पहली अत्याधुनिक सुरंग न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड (एनएटीएम) से बनाई जा रही है। नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी ने इसका निर्माण जनवरी, 2019 में शुरू किया था।
घटनास्थल पर पुलिस, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, राज्य आपदा मोचन बल, अग्निशमन, आपातकालीन 108 व सुरंग का निर्माण करा रही संस्था राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) के कर्मचारी भी मौके पर सुरंग खुलवाने के काम में जुटे हुए हैं। हर मौसम के अनुकूल चार धाम सड़क परियोजना के तहत बन रही इस सुरंग के बनने से उत्तरकाशी से यमुनोत्री धाम तक का सफर 26 किलोमीटर कम हो जाएगा।