दिल्ली की हवा में प्रदूषण का स्तर दो दिन पहले कुछ कम होने और बारिश होने से मौसम में परिवर्तन से जो उम्मीद बंधी थी, वह शनिवार को टूटती दिखी। छोटी दीपावली के दिन शनिवार को राजधानी दिल्ली में प्रतिबंध के बावजूद काफी लोगों ने पटाखे फोड़े। इससे हवा की गुणवत्ता का स्तर फिर से बिगड़ने लगा। शनिवार को शाम राजधानी के कुछ इलाकों का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 220 से अधिक हो गया था।
पिछले कई दिनों से राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) काफी अधिक होने से लोगों को सांस लेने में भी तकलीफ होने लगी थी। घरों से बाहर निकलना इतना मुश्किल हो गया था कि सरकार को स्कूलों को बंद करना पड़ा और वाहनों पर भी प्रतिबंध लगाने पड़े थे, इस बीच अचानक बारिश होने से इसमें सुधार दिखा था, लेकिन शनिवार को जिस तरह लोगों ने पटाखे बजाए और सड़कों पर वाहनों का जाम दिखा, इससे प्रदूषण का स्तर फिर बढ़ने लगा।
इस साल, 2 नवंबर से 9 नवंबर के बीच, राजधानी वायु प्रदूषण के सबसे लंबे और सबसे गंभीर दौर से गुजर रही है, जब लगातार आठ दिनों तक AQI 390 से ऊपर था। पूर्वानुमान में कहा गया है कि 14 नवंबर के बाद छह दिनों तक हवा की गुणवत्ता ‘गंभीर’ से ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रहने की आशंका है।’
अधिकारियों ने कहा कि कम प्रदूषण स्तर के बावजूद, ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) के चरण 4 के तहत उपाय – जिसमें निर्माण और दिल्ली के बाहर से अधिकतर भारी वाहनों पर प्रतिबंध शामिल है – सोमवार को समीक्षा तक लागू रहेंगे।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने चेतावनी दी है कि लापरवाही लोगों को भारी पड़ सकती है। हफ्ते भर के लिए जारी प्रदूषण पूर्वानुमान में बोर्ड ने सुझाव दिया है कि राहत अस्थायी हो सकती है। दिवाली के बाद हवा की गुणवत्ता खराब हो जाएगी। पूर्वानुमान के अनुसार, AQI रविवार को “बहुत खराब” तक पहुंच जाएगा और 13 नवंबर को “गंभीर” हो जाएगा।