कमाल का बंदा नजर आता है। वो स्टिंग में है या खुद के बनाएवीडियो में, ये साफ नहीं, लेकिन फैलकर बैठा है और ठसके से बताए जा रहा है कि मैंने पांच सौ आठ करोड़ ‘उनको’ दिए हैं। एक वीडियो में वह दुबई में स्विमिंग पूल में ‘स्नानलीला’ करता नजर आता है, फिर दोस्तों हाथों में झूला झूलता दिखता है। बंदा दुबई आधरित ‘महादेव जुआ एप’ का मालिक है, जुए से कमाता है। उसके दावे के बाद ईडी ने जांच शुरू कर दी।
इसके बाद कई चैनल चर्चाओं में ‘तू तू मैं मैं’ होती रहती है। पक्ष प्रतिपक्ष एक दूसरे के नेताओं के भ्रष्टाचारों की सूचियां गिनाने में लग गए। ‘हमास’ के ‘आतंकी हमले’ की प्रतिक्रिया में इजराइल के हमले की खबर अब दैनिक ‘फीचर’ बन चली है। शुरू में हमदर्दी इजराइल के पक्ष दिखती थी। अब हमदर्दी इजराइल के विपक्ष में मोड़ी जा रही है। हमास ने अस्पतालों- स्कूलों के नीचे अपने छिपने और हथियारों के लिए सुरंगें बनाई हैं। वे बंधकों की आड़ ले रहे हैं। इजराइल बताता रहता है कि उसका हमला हमास की बनाई गहरी सुरंगों को नष्ट करने और हमास के खतरे को खत्म करने के लिए है। कई फिलिस्तीनी प्रवक्ता ‘हमास’ का पक्ष लेते रहते हैं।
यह ‘युद्ध’ इन दिनों जमीन से अधिक मीडिया के जरिए अधिकाधिक हमदर्दी लेने के लिए लड़ा जा रहा है। एक हिंदी चैनल को ‘एटम बम’ की व्याधि सताती रहती है। जब देखो तब वह ‘एटमी युद्ध का खतरा’ बताने लगता है। ‘एटम बम’ न हुआ, ‘टाफी’ हो गया! इतनी नकली ‘युयुत्सा’ क्या बेचते हो भाई? एक दिन अपने ‘भावी जी’ अपनी विधानसभा में ‘जाति आरक्षण’ की बात करते करते ‘जनसंख्या घटाने’ नुस्खे देते देते ‘कोकशास्त्रीय पदावली’ से भी आगे निकल जाते हैं। सदन में मौजूद उनके पक्षधर खिलखिल करते दिखते हैं जबकि कई महिला विधायक शर्म से झेंपती दिखती हैं। फिर ‘भावी जी’ यही ज्ञान विधान परिषद में बांटते दिखते हैं।
एंकर इसे तुरंत ले उड़ते हैं और ‘ये क्या हुआ आपको’ और ‘शर्म करो शर्म करो’ चिल्लाने लगते हैं। कई एंकर शिष्टतावश उन खास ‘शब्दों’ को ‘न बोलने योग्य’ बताने लगते हैं कई उन बोलों पर ‘बीप’ लगाते दिखते हैं! चैनलों में ऐसे गंदे, गर्हित, मिसोजिनिस्टिक उद्गारों की कुटम्मस भला कैसे न होती? उस शाम कई महिला एंकरों का गुस्सा देखते ही बना। उनमें से कई ने इन ‘महापुरुष जी’ की भूरि-भूरि निंदा की, उनके कथनों को सारे बिहार को शर्मसार करने वाला बताया। कई ने तो ‘इस्तीफे’ तक की मांग तक कर डाली।
प्रधानमंत्री तक ने इस ‘भद्दी भाषा’ को सरेआम ठोका और कटाक्ष किया कि और कहां तक गिरोगे। अगले दिन वे पलटे और ‘डेमेज कंट्रोल’ के लिए ‘आत्मभर्त्सना’ में लग गए कि मैं अपनी निंदा करता हूं, माफी मांगता हूं। मैं तो जनसंख्या नियंत्रण के उपाय सुझा रहा था। शाम की चर्चाओं में उनके प्रवक्ता ‘डिफेंड’ करते रहे कि यों तो सभी दलों के नेता औरतों के बारे में क्या-क्या नहीं कह चुके, लेकिन किसी ने माफी नहीं मांगी। इनने तो मांगी। इस पर एक एंकर ने तंज कसा कि माफी को भी ऐसे बता रहे हैं जैसे अहसान किया हो।
अगले रोज बिहार विधान सभा में नई ‘जाति गणना’ के अधार पर नए आरक्षण प्रस्ताव को सर्व सम्मति से पारित किया गया। कहा गया कि बिहार को विशेष राज्य का दरजा मिले तो विकास हो। एक पूछे कि तीस साल से सत्ता में थे, पिछड़ों के लिए अब तक क्या किए? कई इसे ‘जातिवाद बरक्स हिंदुत्व’ की ‘बाइनरी’ में देखते रहे! लेकिन सप्ताह की सबसे धांसू खबर आचार समिति के फैसले की रही।
अपनी पांच सौ पेज की रिपोर्ट में कमेटी ने, ‘सवाल के बदले माल’ की आरोपी महिला सांसद द्वारा, अपने ‘लाग इन आइडी’ को देश से बाहर देने को आपत्तिजनक माना, साथ ही कमेटी के चेयर के प्रति सांसद के आचरण को भी आपत्तिजनक मानते हुए उनकी ‘सदस्यता’ रद्द करने की सिफारिश कर दी। यह रिपोर्ट अब लोकसभा के अध्यक्ष को जानी है।
इसके बाद की एक बहस में सांसद के एक पक्षधर ने कमेटी के और एंकर के भी पूछे सवालों को ‘मिसोजिनिस्टिक’ बता दिया और देर तक बोलते रहे। एंकर ने पूछा कि ये बताइए एक महिला से किस भाषा में सवाल किए जाएं जो किसी को भी ‘मिसोजिनिस्टिक’ न लगे और भइए इसका जबाव उस पक्षधर के पास नहीं था।
फिर भी बाजी मारी एक चैनल के उस एंकर ने जिसने आरोपों के लगते ही उक्त सांसद से बातचीत कर उनका पूरा पक्ष ‘अनकट’ दिखाया था और अब इस मौके पर भी उसी एंकर ने सांसद से अपनी बातचीत को दिखाया। पूरी बातचीत में सांसद ‘फाइटिंग मूड’ में दिखीं। उन्होंने छूटते ही कहा ये फैसला तो मेरे लिए एक सम्मान का तमगा है। पिछली बार साठ हजार वोट से जीती थी, अब एक लाख से जीतूंगी। हाय! कभी ‘कोसल में विचार की कमी’ थी ,लेकिन लगता है कि अब ‘भाषा’ भी गई। जाहिर है: ‘रंज की जब गुफ्तगू होने लगी! आप से तुम, तुम से तू होने लगी!!’