दिल्ली स्वास्थ्य विभाग ने राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण के मद्देनजर बाहरी सैर से बचने से लेकर पटाखे न जलाने तक कई उपायों की सलाह दी है। सलाह में यह भी कहा गया है कि गर्भवती महिलाओं, रोगियों, बच्चों और बुजुर्ग आबादी को अधिक सतर्क रहना चाहिए और वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से बचना चाहिए।
हालांकि गुरुवार रात और शुक्रवार को रुक-रुक कर हुई बारिश से दिल्ली में दो सप्ताह से जारी खतरनाक हवा से बड़ी राहत मिली। शनिवार सुबह 7 बजे दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 219 था, जो गुरुवार के 24 घंटे के औसत AQI 437 की तुलना में काफी कम है। शून्य और 50 के बीच एक AQI को ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बहुत खराब’, 401 और 450 के बीच ‘गंभीर’, 450 से ऊपर ‘गंभीर प्लस’ माना जाता है।।
AQI आमतौर पर दिवाली के आसपास और उसके तुरंत बाद खराब हो जाता है। इसलिए दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य सेवा निदेशालय द्वारा जारी सार्वजनिक स्वास्थ्य सलाह में लोगों से पटाखे न जलाने को कहा गया है।
एडवाइजरी में लोगों से कहा गया है, “उच्च वायु प्रदूषण वाले स्थानों जैसे धीमी और भारी यातायात वाली सड़कों, प्रदूषणकारी उद्योगों के पास के क्षेत्रों, निर्माण/विध्वंस स्थलों आदि से बचें। विशेष रूप से गंभीर AQI वाले दिनों में सुबह और देर शाम की सैर, दौड़, शारीरिक व्यायाम से बचें।” इसके अलावा लोगों को तम्बाकू उत्पादों का धूम्रपान न करने, बंद परिसरों में मच्छर भगाने वाली कॉइल और अगरबत्ती जलाने से बचने और लकड़ी, पत्ते, फसल के अवशेष जलाने से बचने की भी सलाह दी गई है।
सलाह में लोगों को अपनी आंखों को बहते पानी से धोने, नियमित रूप से गुनगुने पानी से गरारे करने और फलों और सब्जियों सहित स्वस्थ और संतुलित आहार खाने के लिए भी कहा गया है। सलाह में आगे कहा गया है, “सांस फूलना, चक्कर आना, खांसी, सीने में परेशानी या दर्द, आंखों में जलन (लाल या पानी) होने पर डॉक्टर से सलाह ले। सार्वजनिक परिवहन या कार पूल का उपयोग करें, घरों और कार्यस्थलों के अंदर झाड़ू लगाने के बजाय गीला पोछा लगाएं।”