पंजाब के राज्यपाल की तरफ से विधानसभा से पारित विधेयकों को मंजूरी न देने पर सुप्रीम कोर्ट ने नाखुशी जाहिर की। कोर्ठ ने कहा, ‘आप आग से खेल रहे हैं।” अदालत ने यह भी कहा कि यह लोकतंत्र है। जनप्रतिनिधियों की तरफ से पास बिल को इस तरह नहीं अटकाया जा सकता। आप यह नहीं कह सकते कि विधानसभा का सत्र ही गलत था।
बिलों को मंजूरी देने में देरी के लिए राज्यपाल के खिलाफ पंजाब सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट लंच के बाद भी सुनवाई जारी रखेगा। सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी है कि अगर लोकतंत्र को काम करना है तो उसे सीएम और राज्यपाल के हाथों में भी काम करना होगा और कोई भी विधानसभा के नियमों को हरा नहीं सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार पंजाब में जो कर रही है वह संविधान को भी हरा रही है। SC ने कहा कि हम राज्यपाल से भी खुश नहीं हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पंजाब में जो हो रहा है वह गंभीर चिंता का विषय है। बिल पास न करना और यह कहना कि सत्र असंवैधानिक है, आग से खेलने जैसा है।
अदालत ने कहा कि पंजाब में जो हो रहा है हम उससे खुश नहीं हैं, यह गंभीर चिंता का विषय है। राज्य सरकार और राज्यपाल के बीच गतिरोध को लेकर उच्चतम न्यायालय ने पंजाब सरकार और राज्यपाल से कहा कि हमारा देश स्थापित परंपराओं पर चल रहा है और उनका पालन किया जाना चाहिए। कोर्ट ने पंजाब सरकार से पूछा कि विधानसभा के बजट सत्र की बैठक को स्थगित क्यों किया गया, अनिश्चितकाल के लिए सत्रावसान क्यों नहीं किया गया।
पंजाब सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत से कहा कि कोर्ट उनको इस मामले में एक हफ्ते का समय दे। वह इस मामले में कोई न कोई हल निकाल लेंगे। ऐसे में बेंच ने उनसे सवाल किया कि अगर निकालना था तो अदालत आने की जरूरत क्यों पड़ी। इस पर सॉलिसटर ने कहा कि उनको अगले हफ्ते सोमवार तक का समय दिया जाए।
चीफ जस्टिस ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि आखिर संविधान में कहां लिखा है कि राज्यपाल स्पीकर द्वारा बुलाए गए विधानसभा सत्र को अवैध करार दे सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राज्यपाल राज्य का सांविधानिक मुखिया होता है, लेकिन पंजाब की स्थिति को देखकर लगता है कि सरकार और उनके बीच बड़ा मतभेद है, जो लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है। सुप्रीम कोर्ट में पंजाब सरकार की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि मौजूदा राज्यपाल के रहते विधानसभा का सत्र बुलाना असंभव सा है। सिंघवी ने पंजाब सरकार की तरफ से कहा कि बिल रोकने के बहाने राज्यपाल बदला ले रहे हैं।