पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की पत्नी और लोकसभा सांसद परनीत कौर ने ‘कैश-फॉर-क्वेश्चन’ आरोप में महुआ मोइत्रा को लोकसभा से निष्कासित करने के पक्ष में मतदान किया है। विनोद सोनकर की अध्यक्षता वाले 15 सदस्यीय पैनल ने गुरुवार को महुआ मोइत्रा पर 500 पन्नों की रिपोर्ट को पेश की थी। छह सदस्यों ने रिपोर्ट के पक्ष में मतदान किया है और 4 सदस्यों ने इसके खिलाफ मतदान किया है। परनीत कौर रिपोर्ट के पक्ष में वोट करने वालों में से एक थीं। परनीत कौर ने कहा, “मैंने महुआ मोइत्रा के निष्कासन के लिए मतदान किया है, मैं कांग्रेस से निलंबित सदस्य हूं।” कांग्रेस ने परनीत कौर को राज्य में भाजपा की मदद करने के आरोप में फरवरी में निलंबित कर दिया था। उनके पति पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और बेटी जय इंदर कौर पिछले साल भाजपा में शामिल हुए थे।
बीजेपी ने गुरुवार को कांग्रेस सांसद परनीत कौर की सराहना की है, जिन्होंने लोकसभा की एथिक्स कमेटी द्वारा कैश-फॉर-क्वेरी मामले में पेश की रिपोर्ट के पक्ष में मतदान किया है। बीजेपी सांसद अपराजिता सारंगी ने एएनआई से बात करते हुए कहा, “कांग्रेस सांसद परनीत कौर ने सच्चाई का साथ दिया है। मैं इसके लिए उन्हें धन्यवाद देती हूं। कोई भी सही सोच वाला व्यक्ति महुआ मोइत्रा का समर्थन नहीं करेगा।” पैनल के अध्यक्ष विनोद कुमार सोनकर के मुताबिक पैनल के छह सदस्यों ने रिपोर्ट को अपनाने के पक्ष में मतदान किया; चार ने इसके ख़िलाफ़ वोट किया. उन्होंने कहा कि उन्होंने आगे की कार्रवाई के लिए रिपोर्ट ओम बिड़ला को भेज दी है।
परनीत कौर कांग्रेस पार्टी से लोकसभा सदस्य हैं। वह पूर्व कांग्रेस नेता और पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की पत्नी हैं। वह पंजाब के पटियाला लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती हैं। फरवरी 2023 में उन्हें कथित पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण कांग्रेस पार्टी द्वारा निलंबित कर दिया गया था। पार्टी ने उनसे पूछा था कि क्यों न उन्हें निष्कासित कर दिया जाए।
पंजाब कांग्रेस प्रमुख अमरिन्दर राजा वारिंग की शिकायत के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई की गई थी कि वह पंजाब में भाजपा की मदद कर रही हैं। 2021 में कांग्रेस द्वारा उनके पति को मुख्यमंत्री पद से हटा दिए जाने के बाद से वह कांग्रेस की गतिविधियों से दूर रह रही थीं। उन्होंने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में भी हिस्सा नहीं लिया था। उनके पति कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले अपनी पार्टी बनाई थी। हालांकि निराशाजनक प्रदर्शन के बाद उन्होंने अपनी पार्टी का बीजेपी में विलय कर दिया था।