इजरायल-हमास युद्ध के बीच चर्चा उन डॉक्टर्स की है जिन्हें भयानक हालात के बीच उन लोगों के बीच रिलीफ का काम करते देखा जा सकता है जिन्हें युद्ध ने अपना शिकार बनाया है। ग्राउंड जीरों से बचाई गई एक अमेरिकी नर्स ने कहा है कि गाजा पट्टी में रुके हुए फिलिस्तीनी डॉक्टर और नर्सें महान हैं, वह जानते हैं कि वे मरने वाले हैं लेकिन घायल और परेशान लोगों का अकेला नहीं छोड़ रहे हैं। डॉक्टर्स विदाउट बॉर्डर्स प्रबंधक एमिली कैलाहन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि फिलहाल गाजा में ऐसी कोई जगह नहीं बची है जिसे सुरक्षित कहा जा सके।
एमिली कैलाहन पिछले बुधवार को गाजा से निकाले जाने के बाद अमेरिका लौट आई हैं। यह पूछे जाने पर कि वापस आकर कैसा महसूस हो रहा है, उन्होंने कहा, “मैं अपने परिवार के साथ घर पर हूं और राहत महसूस कर रही हूं, 26 दिनों में पहली बार सुरक्षित महसूस कर रही हूं लेकिन इसमें बहुत खुशी की बात नहीं है क्योंकि मैं बहुत से लोगों को वहां छोड़ कर आई हूं। संयुक्त राष्ट्र के अनुमान के मुताबिक जवाबी हमले में अब तक गाजा में 10,000 से ज्यादा लोग मारे गए हैं जबकि इजरायली संख्या 1400 है।
राहत शिविरों के हालात को लेकर उन्होंने कहा कि 50,000 से ज्यादा लोगों वाले शिविर में चार शौचालय हैं जिनमें एक दिन में चार घंटे पानी की सप्लाई होती है। वहां लोग बुरी तरह घायल हालात में इधर-उधर घूम रहे हैं। हर मां-बाप अपने बच्चों को हमारे पास ला रहा है और कह रहा है कि हमारी मदद करो, हमारे पास कुछ नहीं है।
एमिली कैलाहन ने कहा,”मुझे वहां से आना पड़ा क्योंकि हालात बहुत बदतर होते जा रहे थे। लोग अपने लोगों को मरता देख काफी गुस्से में दिखाई देते थे, वह हमें अमेरिकी कहकर पुकारते और काफी परेशान भी करते थे।
इस दौरान हमारे साथ हमारे फिलिस्तीनी सहयोगी होते थे।” एमिली कैलाहन ने कहा कि अगर स्थानीय कर्मचारी उनकी सुरक्षा नहीं करते तो वे एक सप्ताह के भीतर मर जाते। उन्होंने कहा, “हमारे चारों ओर बम विस्फोट हो रहे थे क्योंकि गाजा में कोई सुरक्षित जगह नहीं है। उन्होंने एक सेकंड के लिए भी हमारा साथ नहीं छोड़ा।”