राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने उत्तराखंड मदरसा शिक्षा बोर्ड की एक रिपोर्ट पर आपत्ति जताई है, जिसमें कहा गया है कि राज्य के 30 मदरसों में पढ़ने वाले 7,399 छात्रों में से लगभग 10 फीसदी मुस्लिम नहीं हैं। अब NCPCR चाहता है कि माइनॉरिटी वेलफेयर डिपार्टमेंट यह स्पष्ट करे कि इन बच्चों को राइट टू एजुकेशन एक्ट के तहत “स्कूलों” में रजिस्टर क्यों नहीं किया गया है। NCPCR ने कहा कि क्योंकि मदरसों को एक्ट के फ्रेमवर्क के भीतर नहीं माना जाता है।