दिल्ली में प्रदूषण के कारण बिगड़ते हालातों को देखते हुए अब पुलिस भी और ज्यादा मुस्तैद हो गई है। दिल्ली में पुरानी गाड़ियों का जमकर चालान काटा जा रहा है। पिछले 24 घंटों में ट्रैफिक पुलिस ने 2200 लोगों का चालान काटा है वहीं 6757 वाहनों को रोका गया।
GRAP IV के मुताबिक इस समय दिल्ली में दूसरे राज्यों से केवल उन वाहनों को आने की अनुमति दी गई है जो कि या तो इलेक्ट्रिक हो, सीएनजी पर चलते हो या फिर बीएस VI वाहन हो। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने जरूरी सेवाओं में शामिल नहीं होने वाले सभी मध्यम और भारी माल वाहनों पर भी राजधानी में प्रतिबंध लगाया है। दिल्ली पुलिस ने उन लोगों को छूट दी है जो कि आवश्यक सेवाओं से जुड़े हुए हैं।
रविवार को जिन 2200 वाहनों का चालान हुआ उसमें से 1024 ऐसे थे जिनके पास प्रदूषण नियंत्रण (पीयूसी ) नहीं था, 217 चालान बीएस-III वाहनों के और 975 चालान बीएस -IV वाहनों के काटे गए। दिल्ली के मोटर वाहन अधिनियम के तहत शहर में गैर-जरूरी सामग्री ले जाने वाले डीजल-पेट्रोल वाहनों और ट्रकों को चलाने पर 20000 रुपए का चालान है। पिछले महीने की बात करें पुलिस ने बिना पीयूसीसी वाले 17989 वाहनों के चालान काटे थे।
दिल्ली में प्रदूषण की गंभीर समस्या से निपटने के लिए आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार ने चार साल बाद फिर से सम-विषम नियम लागू करने की घोषणा की है, हालांकि इस नियम के प्रभावी होने को लेकर विशेषज्ञों की मिश्रित राय है। इस नियम को पहली बार 2016 में लागू किया गया था। दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सोमवार को घोषणा की कि वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने की कवायद के तौर पर शहर में 13 से 20 नवंबर तक सम-विषम योजना लागू की जाएगी।
साल 2016 में पहली बार लागू की गई इस योजना के तहत सम या विषम पंजीकरण संख्या वाली कारों को वैकल्पिक दिनों (एक दिन छोड़कर एक दिन) पर चलाने की अनुमति दी जाती है। अगले सप्ताह जब इसे लागू किया जाएगा तो यह चौथी बार होगा जब दिल्ली सरकार वाहनों से होने वाले प्रदूषण से निपटने के लिए यह योजना लागू करेगी।