छत्तीसगढ़ में मंगलवार को विधानसभा चुनाव के लिए वोटिंग हो रही है। इस चुनाव में वोट देने वालों में एक ऐसा नाम भी शामिल है जिसने 13 साल तक इन चुनावों का बहिष्कार किया लेकिन अब वह खुद को समाज की मुख्यधारा का हिस्सा मानती हैं। छत्तीसगढ़ काफी समय से नक्सल से प्रभावित रहा है लेकिन अब धीरे-धीरे इस रास्ते पर चलने वाले लौटने लगे हैं। इन्हीं में शामिल हैं सुमित्रा साहू।
सुमित्रा साहू कुछ समय पहले तक नक्सलियों की अमदाई एरिया कमेटी की पूर्व महिला कमांडर थीं। उन्होंने 13 साल तक चुनाव के दौरान वोट नहीं डाला। हालांकि फिर उन्होंने आत्मसमर्पण किया और आरक्षक बनने के बाद पहली बार चुनाव में हिस्सा लिया। जो सुमित्रा कुछ समय पहले तक नक्सल कमांडर थी वहीं अब नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई का हिस्सा हैं।
छत्तीसगढ़ के नक्सली प्रभावित इलाकों में चुनावों को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। पहले चरण में 20 ऐसी सीट है जो कि नक्सल प्रभावित हैं। चुनावों के शांति से होने के लिए यहां 60 हजार जवानों को तैनात किया गया है।
विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए मंगलवार को 20 सीटों पर सुबह नौ बजे तक लगभग 10 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग कर लिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। विधानसभा चुनाव के पहले चरण में पुलिस और अर्धसैनिक बलों की कड़ी सुरक्षा के बीच मंगलवार सुबह मतदान शुरू हुआ। क्षेत्र में शांतिपूर्ण मतदान के लिए गश्त के दौरान सुकमा जिले में नक्सलियों द्वारा किए गए बारूदी सुरंग विस्फोट में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) का एक कमांडो घायल हो गया।