दिल्ली-NCR समेत उसके आसपास के क्षेत्र में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर पहुंच गया। दिल्ली के कई इलाकों में सोमवार सुबह एयर क्वालिटी इंडेक्स(AQI) 400 के पार रहा। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार दिल्ली में AQI ‘गंभीर’ श्रेणी में बना हुआ है। इसके साथ ही दिल्ली के आसपास के इलाकों गुरुग्राम, नोएडा, गाजियाबाद और फरीदाबाद में भी AQI गंभीर श्रेणी में बना हुआ है। दिल्ली में पॉल्यूशन से निपटने के लिए GRAP-4 की पाबंदियां लागू की गई हैं। वहीं, दिल्ली के प्रदूषण के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार माने जाने वाली पराली को लेकर राजनीति शुरू हो गयी है।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने रविवार को कहा कि दिल्ली के प्रदूषण के लिए पंजाब में पराली जलने से ज्यादा हरियाणा और पश्चिम यूपी में पराली जलाने की घटनाएं जिम्मेदार हैं। हालांकि पंजाब में धान की कटाई में तेजी आने के साथ पराली जलाने के मामलों में भी लगातार बढ़ोतरी हो रही है। रविवार को इस सीजन के एक दिन में पराली जलाने के सबसे ज्यादा 3230 मामले सामने आए। इनमें से सबसे ज्यादा 551 मामले मुख्यमंत्री के जिले संगरूर से सामने आए।
इसके अलावा पूरे सीजन में यह आंकड़ा 17,403 तक पहुंच गया है। हालांकि यह आंकड़ा पिछले साल के मुकाबले कम है। 2022 में 5 नवंबर तक 29,400 केस सामने आए थे। वहीं, रविवार को अमृतसर को छोड़कर पंजाब के प्रमुख शहरों का AQI खराब कैटेगरी में दर्ज किया गया।
पंजाब के फिरोजपुर (299), मानसा (293), बठिंडा (247), लुधियाना में (184), बरनाला (189), मोगा (179), तरनतारन (177), पटियाला (169), फरीदकोट (163),जालंधर (155), कपूरथला (119) में पराली जलाने के सबसे ज्यादा मामले सामने आए। पंजाब के आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में पराली जलाने की कुल घटनाओं में से 56 प्रतिशत नवंबर के ही पहले 5 दिनों में हो चुकी हैं।
हरियाणा से तुलना करें तो पंजाब का यह आंकड़ा काफी ज्यादा है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा में रविवार को पराली जलाने की 109 घटनाएं सामने आई हैं जबकि पूरे सीजन में पराली जलाने की घटनाएं 1500 से ज्यादा रही हैं। मनोहर लाल खट्टर सरकार का कहना है कि वह पराली जलाने वाले किसानों के चालान काट रही है। हरियाणा के 18 शहरों में प्रदूषण खतरनाक स्तर पर है। राज्य सरकार का कहना है कि इसके लिए पंजाब जिम्मेदार है, जहां पराली जलाने की घटनाएं ज्यादा हो रही हैं।