Madhya Pradesh Assembly Polls: मध्य प्रदेश के सिवनी में रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि मैं गरीब के दर्द को महसूस करता हूं। दिसंबर में जब ‘प्रधानमंत्री अन्न योजना’ पूरी होगी, तब हम आने वाले पांच सालों के लिए फिर से एक बार फ्री राशन की गांरटी देंगे। पीएम ने कहा कि हमारे मध्य प्रदेश को सुशासन की निरंतरता चाहिए, हमारे मध्य प्रदेश को विकास की निरंतरता चाहिए और इसीलिए मध्य प्रदेश एक स्वर से कह रहा है- भाजपा है तो भरोसा है, भाजपा है तो विकास है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 से पहले कांग्रेस का एक-एक घोटाला लाखों-करोड़ों का हुआ करता था, अब भाजपा सरकार में घोटाले नहीं होते। गरीब के हक का पैसा जो हमने बचाया है, वो अब गरीब के राशन पर खर्च हो रहा है। घोटालेबाज कांग्रेस सरकार और भाजपा सरकार में यही सबसे बड़ा अंतर है।
पीएम मोदी ने कहा कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस चुनाव नहीं लड़ रही है। उसे मालूम है कि यहां चुनाव जीतना नहीं है, वह तो चुनाव लड़ने का ढोंग कर रही है…वे तो इसलिए चुनाव लड़ रहे हैं कि आगे चलकर किसका बेटा कांग्रेस का मुखिया बनेगा…यहां के दो बड़े नेता अपने-अपने बेटों को आने वाले दिनों में सेट करने के लिए मध्य प्रदेश को अपसेट करने में लगे हुए हैं…”
प्रधानमंत्री ने कहा कि मैं साफ तौर पर कहता हूं कि राजनीति में एक गिरोह है जो कुछ हिसाब-किताब करता है और सिर्फ 5-10 लोगों से सवाल करके अपना मन बना लेता है। उन्हें यहां आकर देखना चाहिए, यह स्पष्ट है कि कौन जीत रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे संसद सदस्य मुझे बता रहे थे कि कोई प्रधानमंत्री 30 साल बाद यहां आया है और मैं भाग्यशाली हूं कि मुझे यह अवसर मिला…”
भाजपा के 2024 लोकसभा अभियान की कहानी का एक प्रमुख तत्व फ्री राशन योजना है। पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) योजना इस दिसंबर में समाप्त होने वाली थी। पीएम मोदी ने इससे पहले शनिवार को मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में चुनावी रैलियों को संबोधित करते हुए कहा था कि यह सुनिश्चित करने का उनका संकल्प है कि देश में कोई भी भूखा न रहे। उन्होंने कहा कि मैंने गरीबी देखी है…हम इस योजना को पांच साल के लिए बढ़ाएंगे। ये मोदी की गारंटी है। गरीबों को मुफ्त राशन मिलता रहेगा। हर गरीब माता-बहन जानती है कि जब मोदी गारंटी देते हैं, तो वो उस गारंटी को पूरा करते हैं। उन्होंने रविवार को मध्य प्रदेश के सिवनी में एक बार फिर यह घोषणा दोहराई।
मुख्य विपक्षी कांग्रेस ने इस कदम की आलोचना करते हुए कहा कि मुफ्त राशन योजना का विस्तार करने का निर्णय “निरंतर उच्च स्तर के आर्थिक संकट और बढ़ती असमानताओं” का संकेत है। केंद्र सरकार ने अप्रैल 2020 में पीएमजीकेएवाई योजना शुरू की थी, जिसके तहत प्रत्येक व्यक्ति को रियायती दरों पर खाद्यान्न की एनएफएसए पात्रता के अलावा 5 किलोग्राम मुफ्त खाद्यान्न प्रदान किया गया था।
केंद्र सरकार एनएफएसए के तहत लोगों को खाद्यान्न प्रदान करती है – चावल 3 रुपये प्रति किलोग्राम, गेहूं 2 रुपये प्रति किलोग्राम और मोटा अनाज 1 रुपये प्रति किलोग्राम। पिछले साल दिसंबर में सरकार ने पीएमजीकेएवाई को एनएफएसए के साथ मिला दिया और एनएफएसए के तहत लाभार्थियों को जनवरी 2023 से शुरू होने वाले एक वर्ष के लिए उनकी पात्रता के अनुसार मुफ्त खाद्यान्न उपलब्ध कराने का निर्णय लिया। प्रधानमंत्री ने इस योजना को अगले पांच वर्षों के लिए विस्तारित करने की घोषणा की है।
एनएफएसए में लगभग 81.35 करोड़ लोग शामिल हैं और केंद्र ने कहा था कि वह उन्हें खाद्य सुरक्षा प्रदान करने के लिए 2 लाख करोड़ रुपये की पूरी लागत वहन करेगी। एनएफएसए में 50 प्रतिशत शहरी आबादी और 75 प्रतिशत ग्रामीण आबादी शामिल है। एनएफएसए के तहत लाभार्थी परिवारों की दो श्रेणियां हैं – अंत्योदय अन्न योजना (एएवाई) और प्राथमिकता वाले परिवार।