MP Elections: मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव कौन जीतेगा? यह एक ऐसा सवाल है जो हर किसी रणनीतिकार या फिर चुनाव में रुचि रखने वाले व्यक्ति के दिमाग में कौंध रहा होगा, लेकिन इन सबके बीच इंडिया टीवी-सीएनएक्स ओपिनियन पोल के सर्वे बड़ा दावा किया गया है। सर्वे में दावा किया गया है कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में इस बार भारतीय जनता पार्टी 230 सीटों में से 119 सीटों के साथ स्पष्ट बहुमत हासिल कर सकती है। मध्य प्रदेश में 17 नवंबर को मतदान होगा और तीन दिसंबर को नतीजे घोषित होंगे।
ओपिनियन पोल के मुताबिक, भाजपा 119 सीटें जीत सकती है, जबकि 230 सदस्यीय विधानसभा में उसने पांच साल पहले 109 सीटें जीती थीं। सर्वे में कहा गया है कि मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस 107 सीटें जीत सकती है, जबकि पांच साल पहले उसने 114 सीटें जीती थीं। निर्दलीय समेत ‘अन्य’ के चार सीटें जीतने की संभावना है। पिछले चुनाव में सात सीटें निर्दलीय और स्थानीय पार्टियों ने जीती थीं।
ओपिनियन पोल में वोट शेयर के अनुमान के मुताबिक, भाजपा को 46.33 प्रतिशत, कांग्रेस को 43.24 प्रतिशत और अन्य को 10.43 प्रतिशत वोट मिल सकते हैं। 2018 के चुनाव में भाजपा को 41.02 प्रतिशत, कांग्रेस को 40.89 प्रतिशत और अन्य को 18.09 प्रतिशत वोट मिले थे।
51 सीटों वाले बाघेलखंड में बीजेपी को 29 सीटें, कांग्रेस को 21 सीटें और ‘अन्य’ को एक सीट मिल सकती है।
24 सीटों वाले भोपाल में बीजेपी 16 सीटें जीत सकती है और बाकी आठ सीटें कांग्रेस के खाते में जा सकती हैं।
34 सीटों वाले चंबल में कांग्रेस 19 सीटें जीत सकती है, जबकि बीजेपी के पास 15 सीटें रह सकती हैं।
47 सीटों वाले महाकौशल में कांग्रेस को 26 सीटें, बीजेपी को 19 सीटें और ‘अन्य’ को दो सीटें मिल सकती हैं।
46 सीटों वाले मालवा में बीजेपी को 28 और कांग्रेस को 18 सीटें मिल सकती हैं।
28 सीटों वाले निमाड़ में कांग्रेस 15 सीटें जीत सकती है, बीजेपी 12 सीटें जीत सकती है और बाकी एक सीट ‘अन्य’ के खाते में जा सकती है।
ओपिनियन पोल में मुख्यमंत्री पद के लिए 42.5 प्रतिशत वोटरों ने शिवराज सिंह चौहान को, और 39.61 प्रतिशत ने कमल नाथ को पसंद किया। 11.47 प्रतिशत ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को, एक प्रतिशत ने दिग्विजय सिंह को, और बाकी 5.42 प्रतिशत ने अन्य नेताओं को पसंद किया।
52.39 फीसदी बीजेपी समर्थकों ने कहा कि वे नरेंद्र मोदी के चेहरे पर वोट करेंगे, जबकि 42.06 फीसदी ने कहा कि वे शिवराज सिंह चौहान के चेहरे पर वोट करेंगे. 5.55 फीसदी की कोई राय नहीं थी। ये सवाल बीजेपी समर्थकों से ही पूछा गया।
48.77 फीसदी मतदाताओं ने कहा कि बीजेपी ने उम्मीदवारों के चयन में समझदारी दिखाई है, जबकि 39.52 फीसदी ने कहा कि कांग्रेस ने भी उम्मीदवारों के चयन में समझदारी दिखाई है।
35.06 फीसदी मतदाताओं ने कहा कि उन्हें कांग्रेस नेताओं के बीच राहुल गांधी का चुनाव प्रचार पसंद आया, जबकि 34.85 फीसदी ने कहा कि उन्हें कमल नाथ पसंद आए। 13.5 प्रतिशत लोगों ने प्रियंका गांधी को चुना।
47.01 प्रतिशत मतदाताओं ने कहा कि उन्हें भाजपा की कल्याणकारी योजनाओं (गारंटी) पर भरोसा है, जबकि 40.66 प्रतिशत ने कांग्रेस पर भरोसा किया।
46.99 प्रतिशत मतदाताओं ने कहा कि कांग्रेस पार्टी का जाति-आधारित जनगणना का वादा महज एक चुनावी हथकंडा था, जबकि 42.18 प्रतिशत मतदाताओं ने कहा कि यह एक वास्तविक पहल थी। 10.83 फीसदी की कोई राय नहीं थी।
52.91 फीसदी मतदाताओं ने कहा कि बीजेपी में अंदरूनी कलह ज्यादा है, जबकि 36.7 फीसदी मतदाताओं ने कहा कि कांग्रेस में अंदरूनी कलह ज्यादा है।
हिंदू मतदाताओं में, 30.71 प्रतिशत ने कहा, वे राम मंदिर के उद्घाटन के तुरंत बाद अयोध्या जाएंगे, जबकि 41.03 प्रतिशत मतदाताओं ने कहा ‘बाद में’।
47.45 फीसदी मतदाताओं ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी को इजरायल का समर्थन करना चाहिए, जबकि 35 फीसदी मतदाताओं ने कहा कि पीएम मोदी को फिलिस्तीन का समर्थन करना चाहिए। 17.55 फीसदी ने कहा कि वो इस मुद्दे पर कुछ नहीं कह सकते।
51 फीसदी मतदाताओं ने कहा कि इजरायल सही है, जबकि 38.39 फीसदी मतदाताओं ने कहा कि फिलिस्तीन सही है। 10.61 फीसदी मतदाताओं ने कहा, कह नहीं सकते।
हिंदू मतदाताओं में, 66.9 प्रतिशत मतदाताओं ने कहा कि वे इज़रायल पर हमास के हमलों का भयानक वीडियो देखने के बाद डर गए थे, जबकि 23.45 प्रतिशत मतदाताओं ने ‘नहीं’ कहा।